4 घंटे पहले
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सवाल पूछना बच्चों का स्वभाव है, लेकिन कई बार वो ऐसे सवाल कर बैठते हैं कि माता-पिता के लिए जवाब देना मुश्किल हो जाता है। बच्चे जब अपने जन्म और शरीर के बारे में सवाल करें तो उनकी जिज्ञासा कैसे शांत करें इसके बारे में बता रहे हैं सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. राजन भोसले।
मेरा 2 साल का बेटा अपने शरीर के अंगों के बारे में बार-बार सवाल करता है। कई बार जब उसके सवालों के जवाब देना मुश्किल हो जाता है तो मैं चिढ़कर उसे डांट देती हूं। बच्चे जब प्राइवेट पार्ट के बारे में अजीबोगरीब सवाल पूछें तो क्या करना चाहिए?
बच्चों के मन में अपने शरीर को लेकर जिज्ञासा होना नॉर्मल है। बच्चे जो भी चीजें देखते हैं उनके बारे जानना चाहते हैं। अपने प्राइवेट पार्ट के बारे में सवाल करना बच्चों के विकास की एक प्रक्रिया है।
बच्चे के सवाल पूछने पर आपका उसे डांटना या चुप कराना सही नहीं है। इससे बच्चे की जिज्ञासा शांत नहीं होती और उसके सवालों की संख्या बढ़ती जाती है।
बच्चे जब बिना कपड़ों के अपने शरीर को देखते हैं तो उनके मन में अपने अंगों के बारे में जानने की इच्छा होती है। अक्सर बच्चे अपने प्राइवेट पार्ट को छूते हैं। अगर वो दूसरे बच्चे को बिना कपड़े के देखते हैं तो उनके शरीर को भी टकटकी लगाकर देखते हैं। इसमें पेरेंट्स को परेशान होने की जरूरत नहीं है। बच्चों का ऐसा करना सामान्य है।
प्राइवेट पार्ट को छूने या इसके बारे में सवाल पूछने पर जब बच्चे को माता-पिता डांटते हैं या चुप करा देते हैं, तो उसे समझ नहीं आता कि आखिर उसकी गलती क्या है। ऐसे में बच्चे के मन में सवाल बढ़ते जाते हैं।
इस उम्र में बच्चे बहुत सवाल करते हैं और पेरेंट्स की ये जिम्मेदारी है कि वो उनके सवालों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासा शांत करें।
मेरी 4 साल की बेटी ये सवाल पूछती है कि बच्चे कहां से आते हैं? क्या इतनी छोटी उम्र में बेटी को इसके बारे में जानकारी देना सही है? क्या मुझे बेटी के सवाल का जवाब देने से बचना चाहिए या गलत जानकारी देनी चाहिए? मैं जानना चाहती हूं कि मुझे क्या करना चाहिए?
बच्चों द्वारा ऐसे सवाल पूछना स्वाभाविक है। इसके लिए आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। बेटी की उम्र के आधार पर आप कह सकती हैं कि बच्चे मां के गर्भ में अंडे के भीतर बढ़ते हैं। फिर अपने पेट की तरफ इशारा करते हुए बताएं कि फिर बच्चे एक विशेष स्थान से बाहर निकलते हैं, जिसे ‘योनि’ कहा जाता है।
इस उम्र के बच्चों से शारीरिक संबंध के बारे में बात करने की जरूरत नहीं है। आपका लक्ष्य ये होना चाहिए कि आपके जवाब से संतुष्ट है या नहीं।
कई बच्चे पूछते हैं कि उनका जन्म कैसे हुआ या वो इस दुनिया में कैसे आए। बच्चों के ऐसे सवालों से किस पेरेंट्स घबरा जाते हैं और उनके सवालों का गलत जवाब देते हैं।
आगे चलकर जब बच्चों को पता चलता है कि पेरेंट्स ने उनसे झूठ बोला तो उनका माता-पिता पर विश्वास कम हो जाता है।
याद रखें, बच्चों के लिए सेक्शुएलिटी के बारे में जानकारी उतनी ही जरूरी है जितना खाना, पानी, हवा, घर, सुरक्षा आदि के बारे में है। आपको जब भी लगे कि बच्चे के सवालों के उसे सही जवाब नहीं मिले हैं या उसकी जिज्ञासा शांत नहीं हुई है तो उसे फिर से बड़े प्यार से समझाएं।
सेक्स सीरियसली में जानिए कुछ और सवाल-
मेरी समस्या ये है कि बड़ी होती बेटी के साथ एक ही कमरे में सोते हुए मुझे संबंध बनाने में हिचक महसूस होती है। हर समय ये डर लगा रहता है कि कहीं वह जाग न जाए।
पति को मेरे डर और हिचक से चिढ़ होती है। वो खुलकर फिजिकल रिलेशन को एंजॉय करना चाहते हैं, लेकिन बेटी के कारण ऐसा हो नहीं पाता। उनका मानना है कि अब हमें बेटी को अलग करने में सुलाना चाहिए। आप क्या सलाह देंगे?
आपके पति बिल्कुल सही कह रहे हैं। अब आपको बेटी को अलग कमरे में सुलाना चाहिए। घर छोटा होता या जगह की समस्या होती तब तो कोई ऑप्शन न होता, लेकिन घर बड़ा है तो बेटी को अलग कमरे में सुलाएं। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
हमारी शादी को एक साल हुआ है। पति मुझसे बार बार सवाल करते हैं कि फिजिकल रिलेशन के लिए कितना समय होना जरूरी है। वो मुझसे मेरी संतुष्टि के बारे में पूछते रहते हैं। पति अपने दोस्तों से भी इस बारे में बात करते हैं। वो जानना चाहते हैं कि उनके दोस्तों के मुकाबले हमारी सेक्शुअल लाइफ कितनी हेल्दी है। पति हमारे अंतरंग पलों को रोमांचक बनाने के लिए बहुत ज्यादा एक्साइटेड रहते हैं। क्या उनका व्यवहार सही है? अंतरंग पलों के लिए कितना समय सही होता है?
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डॉ. राजन भोसले, एमडी
प्रोफेसर एंड एचओडी, सेक्सुअल मेडिसिन डिपार्टमेंट, केईएम हॉस्पिटल एंड जी. एस. मेडिकल कॉलेज
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