2 घंटे पहले

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आज ‘इंटरनेशनल विमेंस डे’ के अवसर पर हर महिला को खुद से ये सवाल करना चाहिए कि उसके लिए ‘विमेंस डे’ के मायने क्या हैं। वह ‘विमेंस डे’ कैसे सेलिब्रेट करना चाहती है? चैट रूम में आज चर्चा एक ऐसी महिला की जो खुद को ‘विमेंस डे’ का तोहफा देना चाहती है। रिलेशनशिप काउंसलर डॉ. माधवी सेठ ने महिला के सवाल को समझा और उसे सही समाधान बताया।

मैं एक पढ़ी-लिखी वर्किंग वुमन हूं। आज ‘इंटरनेशनल विमेंस डे’ के अवसर पर मैं खुद को कोई खास तोहफा देना चाहती हूं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं खुद को क्या गिफ्ट दूं। अपनी पसंद और जरूरत की चीजें तो मैं जब मन चाहे खरीद सकती हूं। मैं खुद को ऐसी कौन सी चीज गिफ्ट करना चाहती हूं जो सबसे अलग और खास हो। आप क्या सजेस्ट करेंगी?

आप एक वर्किंग वुमन हैं इसलिए आपके पास आर्थिक आजादी है। आप खुद कमाती हैं इसलिए आपको अपनी पसंद की चीजें खरीदने के लिए किसी से पैसे नहीं मांगने पड़ते। आपको भौतिक चीजों के बजाय खुद को कोई ऐसा गिफ्ट देना चाहिए जो आपकी जिंदगी बदल दे।

दूसरों से गिफ्ट की उम्मीद क्यों?

आमतौर पर बर्थडे, एनिवर्सरी की तरह महिलाएं ‘विमेंस डे’ पर भी दूसरों से गिफ्ट की उम्मीद करती हैं। चाहती हैं कि पार्टनर बेबी शोना कहकर उनके नखरे उठाए। इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन आप अगर वाकई खुद को स्पेशल फील कराना चाहती हैं तो आज खुद को कोई स्पेशल तोहफा दें। ऐसा तोहफा जो आपको एक नई पहचान और आत्मविश्वास दे।

खुद को गिफ्ट करना सीखें

‘विमेंस डे’ पर गिफ्ट के लिए किसी और का इंतजार क्यों करें। जिस तरह आप दूसरों को गिफ्ट देती हैं उसकी तरह खुद को भी गिफ्ट देखा सीखें। छोटी-छोटी उपलब्धियों पर खुद अपनी पीठ थपथपाएं, अपनी तारीफ खुद करें और अपनी खुशी के लिए खुद को ट्रीट दें। ऐसा करके आपको अपने स्पेशल होने का एहसास होगा, आपका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और आप खुद से प्यार करने लगेंगी। खुश रहने के लिए ऐसा करना बहुत जरूरी हैं।

महंगे गिफ्ट्स से अलग हटकर सोचिए

गिफ्ट महंगे हों ये जरूरी नहीं, वो आपके कितने काम आने वाले हैं ये ज्यादा जरूरी है। ‘विमेंस डे’ पर दूसरों से तोहफे की उम्मीद करने के बजाय अपने आप को खुद कोई खास तोहफा दें। ऐसा तोहफा जो आपकी पहचान बन जाए।

अपने लिए आवाज उठाएं

आम महिलाओं की बात तो छोड़िये, पढ़ी-लिखी वर्किंग वुमन भी उनके साथ होने वाले भेदभाव से अछूती नहीं हैं। चाहे सैलरी का भेदभाव हो पद का, महिलाओं को अभी भी अपने हक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

काम के अलावा महिलाओं को ‘बॉडी शेमिंग’ का भी शिकार होना पड़ता है। महिलाओं के सामने ही उन पर जोक किए जाते हैं। पीरियड्स में होने वाले मूड स्विंग्स, ड्राइविंग स्किल, शादी की उम्र, रंग-रूप… महिलाओं पर कमेंट करने या उनका मजाक उड़ाने के लिए पुरुषों के पास हजार टॉपिक हैं।

विरोध करना जरूरी

विडंबना ये है कि पुरुषों के साथ मिलकर कई महिलाएं अपने आसपास की अन्य महिलाओं का मजाक उड़ाती हैं। ऐसे कमेंट्स या भद्दे मजाक महिलाओं के आत्मविश्वास को ठेस पहुंचाते हैं। जब भी आप अपने या अन्य महिलाओं के लिए ऐसे भद्दे मजाक या कमेंट सुनें तो उनका विरोध करना शुरू करें। आपकी पहल से अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी और वो भी विरोध करना शुरू कर देंगी। ऐसा करने पर आप जल्द ही अपने आसपास का माहौल बदला हुआ पाएंगी।

कोई आपको एक या दो बार दुखी करे तो इसमें उनकी गलती हो सकती है, लेकिन जब कोई आपको बार-बार दुखी करे तो गलती आपकी है। आपने लोगों को ये नहीं बताया कि उन्हें आपके साथ कैसा व्यवहार करना है। आपने वो सीमा रेखा नहीं खींची जिसके आगे आप किसी को आने की इजाजत नहीं देती। जब आप ये तय कर लेंगी कि अब कोई भी गलत बात या व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेंगी, तो लोगों का व्यवहार भी आपके प्रति बदलने लग जाएगा। आपके लिए कोई भी गलत बात कहने से पहले वो सौ बार सोचेंगे।

खुद को आत्मसम्मान का गिफ्ट दें

महिलाओं के लिए कही जाने वाली ऐसी बातों से बचने के लिए उनका विरोध करना सीखें। आज ‘विमेंस डे’ के खास अवसर पर खुद से ये प्रॉमिस करें कि आगे से आप अपने लिए कही जाने वाली गलत बात या हरकर को बर्दाश्त नहीं करेंगी। खुद से ये वादा करें कि अब आप किसी को अपना फायदा नहीं उठाने देंगी, रिश्ते में प्रताड़ित नहीं होंगी, अपना मजाक नहीं बनने देंगी। यकीन मानिए, इस गिफ्ट से आपको बहुत खुशी मिलेगी।

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