नई दिल्ली11 घंटे पहले

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आज पूरी दुनिया में ‘इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस’ मनाया जाता है। ये वह अवसर है जो हमें याद दिलाता है कि आखिर हम कितने खुशहाल हैं। आज खुद से ये सवाल पूछने का दिन है कि क्या हम खुश रहने की पहल करते हैं?

खुश रहना एक कला है जो मुश्किल समय में भी मुस्कुराने का हैसला देती है। ‘इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस’ के अवसर पर रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. माधवी सेठ बता रही हैं खुश रहने के तरीके।

भारतीय खुश क्यों नहीं हैं?

वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2023 में फिनलैंड को सबसे खुशहाल देश बताया गया है। फिनलैंड को लगातार छठवीं बार पहला स्थान मिला। फिनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड, स्वीडन और नॉर्वे दुनिया के सबसे खुशहाल देश हैं। हैप्पीनेस की इस रिपोर्ट में भारत 125वें स्थान पर है। खुशहाल देशों की श्रेणी में भारत बहुत पीछे है। सवाल है आखिर हम खुशहाल क्यों नहीं हैं?

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के लोग तनाव में ज्यादा रहते हैं, जिसके कारण यहां डिप्रेशन और दिल के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में भ्र्ष्टाचार और अपराध के मामले ज्यादा हैं। इसकी वजह से अन्य कई देशों के मुकाबले भारतीयों में सुरक्षा की भावना कम पाई जाती है।

जीने की वजह
हम इस दुनिया में क्यों आए, हमारे जीवन का लक्ष्य क्या है, हम जीवन में क्या करना चाहते हैं…. जिस व्यक्ति के पास इन सवालों का जवाब होता है, उसके पास दुखी होने के लिए समय ही नहीं होता। जो लोग अपने सपनों का पीछा करने, अपने लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश में जुटे रहते हैं, वो हमेशा खुश रहते हैं। अपने लक्ष्य की तरफ एक एक कदम बढ़ाते हुए वो बेहद खुशी महसूस करते हैं। अपनी कामयाबियों पर खुश होते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। जिन लोगों को ये पता ही नहीं होता कि उन्हें अपनी जिंदगी में क्या हासिल करना है, वो हमेशा कन्फ्यूज रहते हैं, दूसरों की कामयाबियों से जलते हैं। ऐसे लोग खुश नहीं रह पाते। सच्ची खुशी हासिल करनी है तो अपने जीवन का एक लक्ष्य बनाएं और उसे पाने की कोशिश में जुट जाएं। आप जीवन के हर पल में खुशी महसूस करने लगेंगे।

खुश रहना एक कला है

खुशी के लिए ये कहा जाता है कि आपका वो दिन सबसे खराब होता है जिस दिन आप हंसते नहीं। आप चाहे कितने ही तनाव में क्यों न हों, दिनभर में कम से कम एक बार खुलकर हंसने का अवसर तलाशें। खुश रहना एक कला है। कुछ लोग मुश्किल समय में भी खुश रहते हैं और कुछ सबकुछ होते हुए भी दुखी होने का बहाना खोजते रहते हैं।

हैसियत से बड़ी है खुशी

खुशी का अमीरी या गरीबी से कोई लेना देना नहीं होता। करोड़ों की दौलत होते हुए कई लोग खुश नहीं रह पाते और कई लोग छोटी छोटी बातों में खुशियां तलाशते हैं। खुश रहना एक ऐसी आदत है जो आपके साथ साथ आसपास के लोगों के चेहरे पर भी मुस्कान ला देती है। खुश रहना है तो छोटी छोटी बातों पर आहत होना छोड़ दें। व्यक्ति का अहम् ही अक्सर उसके तनाव की वजह बनता है।

खुश रहना क्यों जरूरी?

खुशी एक ऐसी खुराक है जो हर इंसान की जिंदगी को खुशहाल बना देती है। हर व्यक्ति का खुश रहने का तरीका अलग हो सकता है, लेकिन खुश रहना सबके लिए जरूरी है। जीवन में अगले पल क्या होने वाला है, ये हम नहीं जानते। हम न तो अपना अतीत बदल सकते हैं और न ही भविष्य जानते हैं। हमारा कंट्रोल सिर्फ अपने वर्तमान पर होता है। इसलिए जीवन के हर पल को भरपूर जीना और खुशी के बहाने तलाशना जरूरी है।

खुद से प्यार करें

खुश रहने के लिए सबसे पहले खुद से प्यार करना बेहद जरूरी है। जो लोग खुद से प्यार करते हैं, हमेशा खुश रहते हैं, वो दूसरों को भी हंसता-मुस्कुराता देखना चाहते हैं। खुद को खुश रखना सीखें। जिन चीजों से आपको खुशी मिलती है उन्हें अपने आसपास रखें।

खुशी के बहाने तलाशें

आपको जिन चीजों से खुशी मिलती है उन्हें जरूर करें। सुबह उठते ही खुद को आईने में निहारें और कहें कि आप दुनिया के सबसे खुशहाल इंसान हैं। इससे आपको पॉजिटिव एनर्जी मिलेगी। हमेशा गंभीर मुद्रा में न रहें, कभी-कभी बच्चों की तरह खिलखिलाएं, उछलकूद करें, अपना रूम बंद करके झूमकर नाचे-गाएं, दोस्तों से मिलें, अपने शौक के लिए वक्त निकालें, छोटी-छोटी बातों खुशियां तलाशें।

खुशी के मंत्र

अपनी छोटी छोटी कामयाबी को सेलिब्रेट करना सीखें। कोई आपकी तारीफ करे, इसका इंतजार करने के बजाय खुद को शाबाशी देना सीखें।

हमेशा पाने की लालसा न करें, बांटने के सुख को भी अनुभव करें। दूसरों के चेहरे की मुस्कान आपको संतुष्टि देगी।

दूसरों की कामयाबी से जलने की उनकी सफलता से प्रेरणा लें और उनके जैसा बनने के लिए मेहनत करना शुरू कर दें।

जब भी किसी बात पर गुस्सा आए या मन दुखी हो तो अपनी भावनाएं कागज पर उतार लें। इससे मन हल्का होगा और आप रिलीफ महसूस करेंगे।

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हाथ गीले क्यों रहते हैं, हथेलियां बेवजह पसीने से भीग जाएं तो लिवर खराब, एंग्जाइटी, ऑयली स्किन, गर्म मौसम भी है इसकी वजह

हथेली पर पसीना आने की दो प्रमुख वजहें हैं। यदि व्यक्ति के लिवर में प्रॉब्लम है तो सर्दियों में भी उसकी हथेलियों से पसीना आता है। लिवर का इलाज करने के बाद ही हथेलियों से पसीना आना बंद होता है।
हथेलियों पर पसीना आने की दूसरी बड़ी वजह सिबेसियस ग्लैंड्स का ज्यादा सक्रिय होना है। कुछ लोगों की त्वचा इतनी ज्यादा तैलीय होती है कि उनके चेहरे पर एक्स्ट्रा ऑयल नजर आता है। इसी वजह से ऐसे लोगों की हथेलियों पर पसीना आता है।
यदि बेमौसम या बेवजह हथेलियों पर पसीना आए तो इसे नजरअंदाज न करें। ये रोग के संकेत भी हो सकते हैं। रांची स्थित ‘मेडिसिन 4 यू’ में इंटरनल मेडिसिन डॉ. रविकांत चतुर्वेदी बता रहे हैं हथेलियों पर पसीना आने की वजहें और उपाय। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

नाखून चबाना बिमारी नहीं, तनाव, घबराहट, फोकस में कमी होने पर लोग करते ये काम, पेट में इंफेक्शन; ऐसे छुड़ाएं आदत

आपने भी अपने आसपास कुछ बच्चों या बड़ों को नाखून चबाते देखा होगा। ये बच्चे कहीं पर भी नाखून चबाने लगते हैं। क्या आप जानते हैं कि वो ऐसा क्यों करते हैं?
आदत अच्छी हो या बुरी, वह जितने समय तक साथ रहती है, उसका असर भी उतना ही गहरा रहता है। बचपन में शुरू होने वाली एक ऐसी ही आदत है नाखून चबाना। जिन्हें यह आदत होती है वो भीड़ में भी नाखून चबाना शुरू कर देता है। इसका असर उनकी पर्सनैलिटी पर भी असर पड़ता ही।
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