5 घंटे पहले

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“आज फिर से लेट हो जाऊंगी और फिर बॉस की किचकिच झेलनी पड़ेगी।”

बड़बड़ाते हुए साक्षी ने गेट लॉक किया और मोबाइल पर कैब का अराइवल टाइम चेक किया।

“ओह गॉड, प्लीज कैंसिल मत कर देना यार…” यही विश मांगते हुए उसने लिफ्ट ली।

लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर पहुंची तो मोबाइल में नेटवर्क आया। ड्राइवर तब तक राइड कैंसिल कर चुका था।

आज इंपोर्टेंट मीटिंग थी और साक्षी ये मीटिंग मिस नहीं कर सकती थी। उसने ऐप पर ऑटो ढूंढा तो वह भी सात मिनट की वेटिंग पर था। हारकर उसने बाइक बुक कर ली।

ये अच्छा हुआ कि गेट के बाहर निकलते ही उसे रेड जैकेट पहने राइडर दिख गया। वह लगभग उछलती हुए उसकी बाइक पर बैठी और बोली चलो।

राइडर भी उसकी हड़बड़ी से शायद समझ गया था कि ऑफिस के लिए लेट हो रही है। पलक झपकते ही बाइक दौड़ने लगी।

अचानक साक्षी को कुछ याद आया तो बोली- “3254, OTP”

राइडर ने पूछा- कितने पैसे दिखा रहा है मैडम? साक्षी ने कहा- 89

राइडर बोला कि आप मुझे 80 रुपए UPI कर देना और डेस्टिनेशन बता दो। मैं ऐप नहीं खोल रहा। वो कमीशन काट लेते हैं।

साक्षी ने सोचा कि ये तरीका भी सही है। अगर कैब न मिले और जल्दी पहुंचना हो तो इसे ट्राई करने में कोई हर्ज नहीं।

टाइम से 10 मिनट पहले ऑफिस पहुंचने पर साक्षी बोली- थैंक्यू भैया। आपके पास QR कोड है?

राइडर ने कहा- मेरा नाम शीनू है। आप मेरे नंबर पर UPI कर दो।

आज न तो बॉस ने लेट आने पर कुछ सुनाया और मीटिंग भी अच्छी रही तो साक्षी का पूरा दिन अच्छा निकला। ऑफिस से निकलते टाइम चाय पीने के लिए वह नीचे उतरी तो देखा कि सुबह की ही रेड जैकेट में शीनू खड़ा था। साक्षी उसके पास गई और हंसते हुए बोली- सुबह से दूसरी राइड नहीं मिली क्या?

शीनू ने भी रिप्लाई किया कि आपकी जैसी अच्छी बुकिंग नहीं मिली तो मैंने सारी कैंसिल कर दी।

वैसे चार घंटे लंबी चली मीटिंग के बाद साक्षी का मन आराम से कैब में पसर कर घर जाने का था। लेकिन उसे लगा कि शाम के ट्रैफिक में शायद बाइक जल्दी उसे घर पहुंचाए।

तभी उसके दोस्त बोले कि क्या तू आज बाइक से घर जाएगी?

साक्षी बोली कि हां- इस बेचारे को मेरे अलावा दूसरी बुकिंग मिल ही नहीं रही। सुबह भी मैं ही मिली और शाम को भी मैं ही।

इतने में शीनू बोला कि हां, एक बार जो मेरे साथ बैठ जाए, फिर उसका मन दूसरे राइडर के साथ जाने का नहीं करता।

ये तो बड़ा तेज है। मन ही मन सोचते हुए साक्षी उसकी बाइक पर बैठ गई।

वह सुबह की हड़बड़ी में देख नहीं सकती थी। लेकिन उसने ध्यान दिया तो देखा कि शीनू के पास स्पोर्ट्स बाइक है।

उसने पूछा- भै…सॉरी शीनू तुम्हारी ये बाइक कितने की है?

शीनू ने जवाब दिया- 2 लाख की।

और इससे कितने कमा लेते हो?

शीनू बोला कि बस तेल-पानी का खर्च निकल जाता है।

साक्षी ने मन ही मन सोचा कि तेल-पानी का ही खर्च निकालना था तो इतनी महंगी बाइक लेकर रोड पर क्यों उतरे हो। हालांकि उसने ये बोला नहीं।

इतने में साक्षी का घर आ गया। फ्राइडे था तो साक्षी सारे काम जल्दी निपटा कर फ्री होना चाहती थी। उसने आज की पहनी ड्रेस वॉशिंग मशीन के हवाले करते टाइम देखा कि उस पर एक नोट चिपका हुआ था।

‘अगर राइड पसंद आई हो तो फिर मिलेंगे।’

उसने सोचा कि क्या ये लड़का सच में पागल है? गुस्से से तमतमाते हुए उसने ऐप पर जाकर शीनू की कंप्लेंट करने की सोची।

लेकिन ऐप पर उसने देखा कि राइडर का नाम रवि था। और फोटो भी दूसरी थी। बाइक भी अलग थी। सबसे बड़ी बात उसने दस मिनट वेट करके राइड कैंसिल की थी।

साक्षी सोचने लगी तो मैं किसकी बाइक पर बैठी थी?

उसने UPI से जाकर शीनू का नंबर निकाला और मैसेज किया-

हेलो। तुम कौन हो? तुमने बताया क्यों नहीं कि तुम राइडर नहीं हो।

मानो वो इसी मैसेज का वेट कर रहा था।

तुरंत रिप्लाई आया- पहली बात- तुम ट्यूबलाइट हो क्या? ये तुमको इतनी देर बाद पता चला? दूसरी बात- मैं तो राइडर ही हूं। हां, मेरी लाइफ की फाइव स्टार रेटिंग वाली राइड आज मुझे मिली थी। शीनू ने इसके साथ स्माइली के इमोजी भी चिपका कर भेजे।

साक्षी को हंसी तो बहुत आई पर उसने नकली गुस्सा दिखाते हुए बोला कि देखो मिस्टर ज्यादा हवा में उड़ने की जरूरत नहीं है। तुमने ऐसा क्यों किया?

शीनू फिर से उसी अंदाज में बोला- पहली बात, मेरी बाइक हवा से ही बात करती है। ये तुमको भी पता है। आज तुमको टाइम से ऑफिस पहुंचाया था। दूसरी बात- तुमने मेरी बाइक पर बैठकर इतने हक से बोला- चलो। मैं तुमको मना नहीं कर पाया।

साक्षी ने तपाक से पूछा- क्या तुमको कोई भी इतने हक से बोलेगा कि चलो तो तुम कहीं भी चल दोगे?

शीनू ने सोचकर कहा- इसका जवाब मैं किसी और दिन दूंगा।

अगले दिन घर के सारे काम निपटाकर साक्षी को रात में अभी रिलीज हुई मूवी देखने का मन था पर उसके सारे दोस्तों ने इस मूवी के लिए हाथ खड़े कर दिए थे। उसने कुछ देर सोचा कि क्या शीनू के साथ मूवी देखी जा सकती है?

फिर खुद को ही जवाब भी दिया कि हां- अगर उसने हाथ-वाथ टच किया तो उसकी छुट्टी। अगर नहीं तो फिर सोचेंगे।

उसने बहुत सोचकर शीनू को मैसेज किया- मूवी देखने का मन था। पसंद की राइड ही नहीं मिल रही। लगता है पूरी शाम बेकार जाएगी।

शीनू का फट से जवाब आया- पसंद की राइड या पसंदीदा राइडर?

साक्षी बोली- राइडर से जितना पूछा जाए, उतना ही जवाब दे। वरना रेटिंग गिरने का रिस्क है।

दो मिनट बाद शीनू का जवाब आया- 40 मिनट बाद तुम्हारे घर के नियरेस्ट थिएटर में शो है। मैं दस मिनट में पहुंच जाऊंगा और मैक्सिमम आधा घंटा वेट कर सकता हूं। नो वेटिंग चार्ज। बस ध्यान रहे कि मैं फर्स्ट सीन मिस नहीं करता। हां, वेट करते-करते टिकट बुक भी हो जाएंगी। पर पॉपकॉर्न तुम्हारी तरफ से…

साक्षी को उसकी बात कहने का अंदाज पसंद आया। उसने ओके लिखने के साथ ब्लश करता स्माइली भी भेजा और तैयार होते-होते सोचने लगी कि क्या बिना स्माइली भेजे भी काम चल सकता था।

मूवी अच्छी थी और शीनू ने साक्षी की उम्मीद के खिलाफ कुछ भी ऐसा-वैसा नहीं किया था जो उसे पसंद न आए।

मूवी जाते वक्त साक्षी ने एक स्पॉट शीनू को दिखाया था और कहा था कि एक-दो बार यहां खड़े लड़के यहां से उसके घर तक उसके पीछे आए। तब से उसे इस जगह से निकलते हुए डर लगता है।

शीनू ने घर लौटते समय ठीक वहीं, उसी स्पॉट पर बाइक रोकी और कहा कि यहां से पैदल ही चलना होगा। बाइक का आगे जाने का मन नहीं है।

हां, राइडर वादे के मुताबिक आपको सेफली होम डिलिवर करेगा।

यह सुनते ही साक्षी की हंसी भी छूट गई। लेकिन उसे यहां से गुजरने में डर भी लग रहा था। उसने शीनू का हाथ पकड़ लिया।

शीनू ने कहा कि अगर वह इस फिल्म का डायरेक्टर होता तो इसके फर्स्ट हाफ को इंटरेस्टिंग बनाने के लिए कहानी में 20 मिनट बाद हुई को-एक्टर की सुसाइड के सीन को पहले दिखाता और उनकी लव स्टोरी को फ्लैशबैक में दिखाता।

साक्षी ने कहा कि वह एक गाना कम करती और एक गाना लास्ट में डाल देती। क्योंकि टाइटल सॉन्ग मूवी का फ्लो तोड़ रहा था।

बात करते हुए घर आ गया था। अंदर जाकर साक्षी ने देखा कि उसके हाथ में एक नोट था, जिस पर लिखा था कि जब भी घबराहट हो, याद रखना- तुम अकेली नहीं हो।

साक्षी को ध्यान आया कि उसने जब घबराहट में शीनू का हाथ पकड़ा था तब उसने ये नोट चिपकाया होगा।

उसे ये भी याद आया कि शीनू ने उसे कंफर्टेबल करने के लिए ही उस सुनसान गली में फिल्म की बात शुरू की थी, जबकि पूरे टाइम वह चुपचाप उसे ही सुन रहा था।

साक्षी ने शीनू को मैसेज किया-मिस्टर 5 स्टार राइडर, अब तो बता दो कि तुम कौन हो और क्यों मुझे ऑफिस ड्रॉप किया?

शीनू ने कहा- हमारी सोसाइटी के एक गार्ड को ओवरएज होने की वजह से नौकरी से निकाल दिया गया था। तुम्हारी सोसाइटी का मेंटेनेंस मैनेजर मेरा दोस्त है। उससे कहकर मैंने उस गार्ड को तुम्हारे यहां माली का काम दिलवा दिया है। आज मैं उसी गार्ड से मिलने आया था।

साक्षी ने इस मैसेज को कई बार पढ़ा। और उसका अगला सवाल था- तुम्हारा ऑफिस कहां है?

शीनू ने जवाब के साथ एक सवाल दागा- मेरा घर, तुम्हारे घर से और मेरा ऑफिस, तुम्हारे ऑफिस से 1 किमी के रेडियस में ही है। क्या तुम्हें अब मेरे साथ ही आना-जाना है?

साक्षी सामने होती तो शायद ब्लश करती रह जाती और इसका जवाब नहीं दे पाती। पर मैसेज बॉक्स ने उसे इस सिचुएशन से बचा लिया। उसने कहा कि कल सुबह लेट हुए तो सोच लेना, रेटिंग गिर सकती है…

-गीतांजलि

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