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  • Worship Technique Of Goddess Brahmacharini Who Provides Victory To Get Lord Shiva, She Did Waterless Penance For Many Years, Therefore The Identify Brahmacharini

2 घंटे पहले

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आज नवरात्रि का दूसरा दिन है, इसलिए नवदुर्गा की दूसरी शक्ति देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी। इनका रूप ज्योर्तिमय है। इन्होंने सालों तक बेहद कठिन तपस्या की। तप करने वाले को ब्रह्मचारी भी कहते हैं, क्योंकि परब्रह्म को पाने के लिए तपस्या की जाती है। इनका नाम ब्रह्मचारिणी इसी वजह से हुआ।

मार्कंडेय पुराण के मुताबिक तपश्चारिणी, अपर्णा और उमा इनके अन्य नाम हैं। इस ग्रंथ में कहा गया है कि देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से सभी काम पूरे होते हैं। रुकावटें दूर हो जाती हैं और विजय मिलती है। इसके अलावा हर तरह की परेशानियां भी खत्म होती हैं। देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम भी बढ़ता है।

ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा विधि
1.
कलश पर देवी ब्रह्मचारिणी का ध्यान करते हुए जल चढ़ाएं।
2. मौली, कुमकुम, हल्दी, चंदन, अक्षत, सिंदूर और फूल चढ़ाएं।
3. पूजा में कमल और सफेद फूल चढ़ाएं।
4. धूप-दीप लगाएं, प्रसाद चढ़ाएं और आरती करें।

देवी ब्रह्मचारिणी को भगवती दुर्गा, शिवस्वरूपा, गणेशजननी, नारायणी, विष्णुमाया और पूर्ण ब्रह्मस्वरूपिणी नाम से भी पूजा जाता है। इनकी पूजा से संयम और शक्ति मिलती है। जिससे हर काम पूरा करने में मदद मिलती है। देवी ब्रह्मचारिणी के तप से कड़ी मेहनत करने की हिम्मत मिलती है।

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