जकार्ता6 घंटे पहले

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इंडोनेशिया के जावा में शनिवार (27 अप्रैल) की रात 9 बजकर 59 मिनट पर 6.2 तीव्रता का भूकंप आया। यह जमीन के 70 किमी अंदर था। भूकंप के तेज झटके पूरे जावा द्वीप में महसूस किए गए। जावा द्वीप राजधानी जकार्ता से 143 किमी दूर है।

इंडोनेशिया सरकार ने फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान की बात नहीं कही है। साथ ही सुनामी का भी कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।

भूकंप के झटके करीब एक मिनट तक महसूस किए गए। राजधानी जकार्ता में इमारतें लगभग एक मिनट तक हिलती रहीं। डेपोक, तांगेरांग, बोगोर और बेकासी शहरों में भूकंप का ज्यादा असर देख गया। लोग अपने घरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों की ओर दौड़े।

साल 2022 में आया था 5.6 तीव्रता का भूकंप
जावा में साल 2022 में 5.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके कारण सियानजुर शहर में छह सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। साल 2018 में सुलावेसी में आए भूकंप और सुनामी के कारण 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

17 अप्रैल को इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटा था, 24 घंटे में 5 विस्फोट हुए थे

इंडोनेशिया के सुलावेसी आईलैंड के रुआंग पर्वत पर विस्फोट हुआ।

इंडोनेशिया के सुलावेसी आईलैंड के रुआंग पर्वत पर विस्फोट हुआ।

इंडोनेशिया के माउंट रुआंग पर 17 अप्रैल को लगातार ज्वालामुखी विस्फोट हुए थे। 24 घंटे में 5 बार वोल्कैनो फटा था। खतरे को देखते हुए रुआंग के आसपास के क्षेत्र में रह रहे 11 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा गया था।

डिजास्टर मैनेजमेंट के अधिकारियों ने अगले 24 घंटे तक एयरपोर्ट बंद रखने का आदेश दिया था। ज्वालामुखी से बह रहे लावा और राख की वजह से सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी। अलजजीरा के मुताबिक, माउंट रुआंग पर पहला विस्फोट मंगलवार (16 अप्रैल) रात 9:45 मिनट पर हुआ था।

इसकी वजह से हजारों फीट ऊंचा लावा उठा और राख फैल गई थी। इससे पहले 1871 में इंडोनेशिया में अब तक का सबसे बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था। पूरी खबर पढ़ें

इंडोनेशिया में ज्वालामुखी देखने गई महिला की पहाड़ी से गिरकर मौत हुई थी

लिहोंग का शव निकालने में बचाव कर्मियों को 2 घंटे लग गए थे।

लिहोंग का शव निकालने में बचाव कर्मियों को 2 घंटे लग गए थे।

​​​​​​इंडोनेशिया के माउंट रुआंग में 17 अप्रैल से लगातार ज्वालामुखी विस्फोट हो रहे हैं। ज्वालामुखी को देखने के लिए दूर-दूर से टूरिस्ट आ रहे हैं। इस बीच 22 अप्रैल एक चीनी महिला की ज्वालामुखी को देखने के दौरान मौत हो गई।

ब्रिटिश मीडिया द इंडिपेंडेंट के मुताबिक, चीनी महिला सूर्योदय में ज्वालामुखी देखने के लिए इजेन क्रेटर के किनारे पर चढ़ गई थी। इजेन क्रेटर एक पहाड़ है, जिससे ज्वालामुखी साफ दिखता है। यह पहाड़ दुनियाभर में ‘ब्लू फायर’ नाम से जाना जाता है।

पुलिस के मुताबिक, 31 साल की महिला का नाम हुआंग लिहोंग था जो चीन से घूमने के लिए इंडोनेशिया आई थी। वो ज्वालामुखी की कुछ फोटो क्लिक कर रही थी, तभी उसका पैर उसी के कपड़ों में फंस गया। वह कपड़ों को ठीक कर रही थी, उसी समय संतुलन बिगड़ने से वो चट्टान से गिर गई। पूरी खबर पढ़ें

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