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नई दिल्ली6 मिनट पहले

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MDH और एवरेस्ट मसालों के बैन के मामले में भारत ने सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के फुड रेगुलेटर्स यानी खाद्य नियामक से डीटेल्स मांगी हैं। कॉमर्स मिनिस्ट्री ने सिंगापुर और हांगकांग दोनों में भारतीय दूतावासों को इस मामले पर एक डीटेल्ड रिपोर्ट भेजने का भी निर्देश दिया। मिनिस्ट्री ने MDH और एवरेस्ट से भी डीटेल्स मांगी हैं।

कॉमर्स मिनिस्ट्री के ऑफिशियल ने कहा, ‘दोनों कंपनियों के प्रोडक्ट्स के रिजेक्शन के कारणों का पता लगाया जाएगा और इनसे जुड़े एक्सपोर्टर्स की चिंताओं के साथ-साथ इन्हें ठीक करने के लिए क्या करना चाहिए, इस पर भी विचार किया जाएगा।’

ऑफिशियल ने कहा, ‘टेक्निकल डिटेल्स, एनालिटिकल रिपोर्ट और जिन एक्सपोर्टर्स के कन्साइनमेंट रिजेक्ट कर दिए गए हैं, उनकी डीटेल्स सिंगापुर और हांगकांग स्थित दूतावासों से मांगी गई है। सिंगापुर फूड एजेंसी एंड सेंटर फॉर फूड सेफ्टी और हांगकांग के फूड एंड एनवायरमेंटल हाइजीन डिपार्टमेंट से भी डीटेल्स मांगी गई है।’

सिंगापुर-हॉन्गकॉन्ग में एवरेस्ट और MDH के 4 मसालों पर बैन
दरअसल, सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग ने MDH और एवरेस्ट दोनों कंपनियों के कुछ प्रोडक्ट्स में पेस्टिसाइड एथिलीन ऑक्साइड की लिमिट से ज्यादा मात्रा होने के कारण उन्हें बैन किया था। इन प्रोडक्ट्स में इस पेस्टिसाइड की ज्यादा मात्रा से कैंसर होने का खतरा है।

हॉन्गकॉन्ग के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने कहा था कि MDH ग्रुप के तीन मसाला मिक्स- मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और करी पाउडर में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा पाई गई है। एवरेस्ट के फिश करी मसाला में भी यह कार्सिनोजेनिक पेस्टिसाइड पाया गया है।

स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया बैन पर कर रहा विचार
ऑफिशियल ने बताया कि सिंगापुर और हांगकांग को मसाला शिपमेंट में एथिलीन ऑक्साइड की मैंडेटरी टेस्टिंग के मुद्दे पर चर्चा के लिए एक इंडस्ट्री कंसल्टेशन भी शेड्यूल किया गया है। इस बीच स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया भारतीय ब्रांडों MDH और एवरेस्ट के चार मसाला-मिक्स प्रोडक्ट की सेल पर हांगकांग और सिंगापुर के लगाए गए बैन पर विचार कर रहा है।

एवरेस्ट ने कहा- हमारे मसाले सिंगापुर-हॉन्गकॉन्ग में बैन नहीं
इस बीच एवरेस्ट ने सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में अपने प्रोडट्क्स बैन होने के रिपोर्टों का खंडन किया। कंपनी ने कहा कि किसी भी देश में एवरेस्ट मसालों पर बैन नहीं है। हमारे सभी प्रोडक्ट्स सेफ और हाई क्वालिटी के हैं। सिर्फ एक प्रोडक्ट की जांच होगी।

MDH-एवरेस्ट समेत सभी कंपनियों के मसाले जांचे जाएंगे
इससे पहले हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में MDH और एवरेस्ट के चार मसालों पर बैन के बाद भारत सरकार ने फूड कमिश्नर्स से सभी कंपनियों के मसालों का सैंपल कलेक्ट करने को कहा था।

तीन-चार दिनों में सैंपल कलेक्ट हो जाएंगे, 20 दिन में लैब रिपोर्ट
सूत्रों ने कहा था- देश के सभी फूड कमिश्नर्स को इस मामले को लेकर अलर्ट कर दिया गया है। मसालों के सैंपल कलेक्शन की प्रोसेस शुरू कर दी गई है। तीन से चार दिनों में MDH और एवरेस्ट समेत देश की सभी कंपनियों की मसाला मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से सैंपल्स कलेक्ट कर लिए जाएंगे। इनकी लैब रिपोर्ट करीब 20 दिनों में आएगी।

हानिकारक तत्व होने पर कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी
भारत में फूड आइटम्स में एथिलीन ऑक्साइड के इस्तेमाल पर बैन है। भारतीय मसालों में हानिकारक तत्व पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आपराधिक कार्यवाही का भी प्रावधान है। सरकार ने मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के तहत स्पाइस बोर्ड से अपील की है कि वह जागरूकता फैलाए कि उत्पादों में कोई हानिकारक तत्व नहीं मिलाया जाना चाहिए।

पहले भी होती रही है सैंपलों की टेस्टिंग, इस बार ज्यादा सैंपल कलेक्ट करेंगे
सूत्रों ने ये भी कहा था कि वे हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर की घटनाओं से पहले भी सैंपलों की टेस्टिंग कर रहे थे। दावा किया कि अब तक भारतीय बाजार में उपलब्ध विभिन्न ब्रांडों के मसालों में कोई हानिकारक तत्व नहीं पाए गए हैं। यह सैंपल लेने की एक सतत प्रक्रिया है। इस बार हम पहले जो भी सैंपल ले रहे थे, उससे कहीं अधिक तेजी और अधिक संख्या में सैंपल लेंगे।

कीटनाशक है एथिलीन ऑक्साइड, इससे कैंसर का खतरा
स्पाइस बोर्ड एथिलीन ऑक्साइड को 10.7 सेल्सियस से ऊपर के तापमान पर ज्वलनशील, रंगहीन गैस के रूप में परिभाषित करता है। यह कीटाणुनाशक, स्टरलाइजिंग एजेंट और कीटनाशक के रूप में काम करता है। इसका इस्तेमाल चिकित्सा उपकरणों को स्टरलाइज करने और मसालों में माइक्रोबियल कंटेमिनेशन को कम करने के लिए किया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) एथिलीन ऑक्साइड को ‘ग्रुप 1 कार्सिनोजेन’ के रूप में वर्गीकृत करती है। यानी यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि यह मनुष्यों में कैंसर का कारण बन सकता है। एथिलीन ऑक्साइड से लिम्फोमा और ल्यूकेमिया जैसे कैंसर हो सकते हैं। पेट और स्तन कैंसर भी हो सकता है।

वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने 32,000 करोड़ के मसालों का एक्सपोर्ट किया
वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने करीब 32,000 करोड़ रुपए के मसालों का एक्सपोर्ट किया। मिर्च, जीरा, हल्दी, करी पाउडर और इलायची एक्सपोर्ट किए जाने वाले प्रमुख मसाले हैं।

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