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कोलकाता4 घंटे पहले

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डॉ. बोस 1977 बैच के IAS और मोदी सरकार के लिए विकास एजेंडा तैयार करने वाले समूह के अध्यक्ष रह चुके हैं। - Dainik Bhaskar

डॉ. बोस 1977 बैच के IAS और मोदी सरकार के लिए विकास एजेंडा तैयार करने वाले समूह के अध्यक्ष रह चुके हैं।

पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने रविवार को राजभवन के कर्मचारियों को आदेश दिया कि उनके खिलाफ लगाए गए यौन शोषण के आरोपों की पूछताछ के लिए पुलिस के समन को नजरअंदाज करें। गवर्नर बोस के खिलाफ राजभवन की संविदा महिला कर्मचारी ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने इस आरोप की जांच करने के लिए एक टीम का गठन किया था।

बोस ने X पर राजभवन के कर्मचारियों के लिए एक पोस्ट में लिखा कि यह साफ है कि संविधान के आर्टिकल 361 (2) और (3) के तहत राज्य पुलिस गवर्नर के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले सकती है। राष्ट्रपति, गवर्नर के पद पर रहने के दौरान उनके खिलाफ किसी कोर्ट में कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती है।

पुलिस ने शनिवार को 4 कर्मचारियों को तलब किया था
न्यूज एजेंसी PTI ने एक सीनियर पुलिस अफसर के हवाले से शनिवार को बताया- हमने एक जांच टीम बनाई है जो अगले कुछ दिनों में इस मामले में कुछ संभावित गवाहों से बात करेगी। हमने राजभवन से सीसीटीवी फुटेज मिलने पर उसे देने की भी अपील की है।

स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SET) ने राज्यपाल बोस के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर पूछताछ के लिए कोलकाता राजभवन के 4 कर्मचारियों को तलब किया है। उन्हें आज शाम 4 बजे तक हरे स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में पेश होने के लिए कहा गया है।

राजभवन में पुलिस के प्रवेश पर रोक
संविधान के आर्टिकल 361 के तहत मौजूदा गवर्नर के खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है। राजभवन ने भी एक स्टेटमेंट जारी किया है, जिसमें गवर्नर बोस ने राजभवन में पुलिस की एंट्री बैन कर दी है। बोस का कहना है कि इलेक्शन के दौरान अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए पुलिस गैरकानूनी ढंग से जांच कर सकती है।

महिला का आरोप
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, महिला का आरोप है कि वो 24 मार्च को स्थायी नौकरी का निवेदन लेकर राज्यपाल के पास गई थी। तब राज्यपाल ने बदसलूकी की। गुरुवार को फिर यही हुआ तो वह राजभवन के बाहर तैनात पुलिस अधिकारी के पास शिकायत लेकर गई।

राज्यपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर महिला के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा, ‘ये मुझे बदनाम करने की साजिश है। मेरे ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। सत्य की जीत होगी। कोई मुझे बदनाम करके चुनावी फायदा चाहता है तो भगवान भला करे। मैं भ्रष्टाचार-हिंसा के खिलाफ लड़ाई नहीं रोक सकता।’

TMC ने कहा- क्या मोदीजी राज्यपाल से सफाई मांगेंगे
तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने महिला के आरोपों को लेकर एक वीडियो बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ एक गंभीर आरोप लगाया गया है। एक महिला जब राजभवन गई तो राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने उनके साथ छेड़छाड़ की, यौन उत्पीड़न किया और गलत व्यवहार किया। महिला अब पुलिस स्टेशन पहुंच चुकी है, जहां वह अपनी शिकायत दर्ज करा रही है।

उन्होंने आगे कहा कि ये गंभीर आरोप तब लग रहे हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता पहुंच रहे हैं। मोदी जी राजभवन में ही ठहरेंगे। क्या मोदी जी राज्यपाल से सफाई मांगेंगे? क्या मोदी जी पूछेंगे कि राजभवन में इस तरह की घटना कैसे घटी?

शुभेंदु अधिकारी बोले- आरोप साजिश तो नहीं
राज्यपाल पर लगे आरोपों को लेकर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह देखना होगा कि आरोप सही हैं या फिर कोई साजिश है। 26,000 शिक्षकों की नौकरी चली गई, संदेशखाली मुद्दे पर तृणमूल घिरी है। देखना होगा कि ये शिकायत राजनीतिक साजिश है या नहीं। अगर यह सच है तो निश्चित तौर पर केंद्र सरकार कार्रवाई करेगी।

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गवर्नर रहते हुए सीवी बोस की गिरफ्तारी और जांच क्यों नहीं हो सकती

महिला की शिकायत के बावजूद राज्यपाल बोस के खिलाफ अभी तक यौन उत्पीड़न की धाराओं में केस दर्ज नहीं हुआ है। बंगाल पुलिस कानूनी सलाह ले रही है कि इस मामले में कार्रवाई कैसे की जाए? इसकी वजह यह है कि राज्यपाल के पद पर रहने वाले व्यक्ति को संविधान से केस और गिरफ्तारी से इम्यूनिटी मिली हुई है। बोस पर अभी एक्शन क्यों नहीं हो सकता… पढ़ें पूरी खबर…

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