नई दिल्ली1 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

भारत के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने अदालती मामलों को महीनों रिजर्व रखने के जजों के रवैये पर नाराजगी जताई है। CJI ने सोमवार (8 अप्रैल) को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि जज बिना फैसला सुनाए किसी केस को 10 महीनों से ज्यादा समय तक रिजर्व रखते हैं। यह चिंता का विषय है।

चंद्रचूड़ ने कहा- इतने लंबे समय के बाद केस पर दोबारा सुनवाई हो तो पिछली सुनवाई के दौरान रखी गई मौखिक दलीलें मायने नहीं रखतीं। जज भी कई बातें भूल जाते हैं। CJI ने बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर सभी हाईकोर्ट को लेटर लिखा है।

उन्होंने कहा- लेटर के बाद मैंने देखा कि कई जज केवल मामलों को डी-रिजर्व करते हैं, लिस्टिंग करते हैं और फिर आंशिक सुनवाई करते हैं। हमें उम्मीद है कि देश के अधिकतर हाईकोर्ट में यह चलन नहीं है।

CJI चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने हाईकोर्ट से कहा कि मामले को जल्दी निपटाएं और पहले संक्षिप्त सुनवाई के लिए मामले को दोबारा लिस्टेड करें। हम आपके (हाईकोर्ट्स) के बोझ को समझते हैं।

CJI ने कहा था- कोर्ट के फैसलों पर वकीलों की टिप्पणी परेशान करती है

इससे पहले CJI ने (5 अप्रैल) को पुणे में कहा था कि न्यायपालिका के कंधे चौड़े हैं और वह प्रशंसा के साथ-साथ आलोचना भी सह सकती है। हालांकि, पेंडिंग मामलों और फैसलों पर वकीलों का टिप्पणी करने की आदत काफी परेशान करती है।

CJI हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के शताब्दी वर्ष समारोह में पहुंचे थे। उन्होंने कहा-बार एसोसिएशन के सदस्यों और पदाधिकारियों को अदालत के फैसलों पर प्रतिक्रिया देते समय खुद को आम व्यक्ति से अलग करना चाहिए। मैं बार एसोसिएशन के सदस्यों की लंबित मामलों और निर्णयों पर टिप्पणी करने की आदत से बहुत परेशान हूं।

आप अदालत के सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी हैं। हमारी कानूनी चर्चा की सच्चाई और गरिमा आप के हाथ में है। भारत का संविधान एक समावेशी संविधान है। जिसका उद्देश्य “कसाई, बेकर और मोमबत्ती निर्माता यानी अलग-अलग पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ लाना है।

ये खबरें भी पढ़ें…

CJI ने खुद के ट्रोल होने का किस्सा सुनाया: बोले- कमर दर्द था, कोहनी टिकाकर बैठ गया; लोगों ने गलत समझा

भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शनिवार 23 मार्च को कर्नाटक में जूनियर जजों से वर्क-लाइफ बैलेंस और स्ट्रैस मैनेजमेंट पर बात की। इस दौरान CJI ने कुछ दिन पुराना किस्सा सुनाया कि उन्हें भी ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा था। चंद्रचूड़ ने कहा- पांच दिन पहले मैं एक मामले की सुनवाई कर रहा था। इस मामले की लाइव स्ट्रीमिंग भी हो रही थी। पूरी खबर पढ़ें

CJI ने वकील को तौर-तरीके समझाए: कहा- अदालत कोई रेलवे प्लेटफॉर्म नहीं कि आप आएं और किसी भी ट्रेन में चढ़ जाएं

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार (29 जनवरी) को कोर्ट-रूम में गलत व्यवहार करने पर एक वकील की जमकर क्लास ली। CJI ने कहा- ये कोई रेलवे प्लेटफॉर्म नहीं कि आप आएं और किसी भी ट्रेन में चढ़ जाएं। पहले किसी सीनियर से सीखें कि कोर्ट-रूम में किस तरह से व्यवहार किया जाता है। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here