2 घंटे पहले

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हाल ही में जर्मनी की एक सिंगर का वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह ‘राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी’ गा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका जिक्र ‘मन की बात’ में भी किया। इस भजन को अपनी सुरीली आवाज से सजाने वाली गायिका आंखों से देख नहीं सकतीं, लेकिन हिंदी, मलयालम, तमिल, उर्दू, बंगाली, संस्कृत और कन्नड़ समेत कई भाषाओं में बखूबी गाना गा सकती हैं।

दैनिक भास्कर की ‘ये मैं हूं’ सीरीज में हमारे साथ सीधे जर्मनी से जुड़ीं भजन सिंगर कैसेंड्रा मॅई स्पिटमैन ने सुरों का अपना सफर हमसे साझा किया।

नमस्कार इंडिया…

मैं कैसेंड्रा मॅई स्पिटमैन जर्मनी से हूं। मैं 21 साल की हूं। बचपन से ही मुझे गाने का शौक रहा है। मैं हर समय गाने गुनगुनाती रहती। आपको जानकर हैरानी होगी कि बचपन में मुझे हर जगह स्टेज वाली फीलिंग आती थी। मैं अपने हाथों से माइक बनाकर बस गाती रहती। कभी इंग्लिश तो कभी जर्मन लैंग्वेज में क्योंकि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता था कि गीत किस भाषा का है। मुझे तो बस गाने का जुनून रहता।

मोदी जी से मिलकर बहुत ही अच्छा लगा, उन्होंने मेरे गानों की तारीफ की और मुझे आशीर्वाद भी दिया।

मोदी जी से मिलकर बहुत ही अच्छा लगा, उन्होंने मेरे गानों की तारीफ की और मुझे आशीर्वाद भी दिया।

राम आएंगे, भजन गाकर पहचान बनाई

मैंने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ‘राम आएंगे’ भजन गाकर इंडिया में अपनी पहचान बनाई। मैंने तमिलनाडु के पल्लादम में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें भजन भी गाकर सुनाया।

मोदी ने मेरी आवाज की तारीफ की

मैं इंडिया में अपनी मां के साथ पीएम मोदी से मिली। उनसे मिलने से पहले मैं बहुत नर्वस थी। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कैसे बात करूंगी। लेकिन उनसे मिलने के बाद मुझे बहुत अच्छा लगा। बातचीत के दौरान मैंने उन्हें ‘अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम’ और एक तमिल गाना भी गाकर सुनाया। वो मेरे भजन सुनकर इतना खुश हुए कि उन्होंने मेरा आवाज को ‘सुरीली आवाज’ कहा।

मैंने कुछ समय पहले ‘जगत जाना पालम’ और ‘शिव पंचाक्षर स्त्रोतम’ भी गा चुकी हूं, जिसकी पीएम मोदी ने खूब तारीफ की है। उनका कहना है कि मेरी आवाज इतनी सुरीली है कि हर शब्द भावनाओं में डूबा सुनाई देता है। हम ईश्वर के प्रति लगाव को भी महसूस कर सकते हैं।

मुझे भारतीय संस्कृति से बेहद लगाव है

भारत का दौरा करने के बाद मुझे महसूस हुआ कि यहां के लोग बहुत धार्मिक प्रवृत्ति रखते हैं और भक्ति भाव में डूबे रहते हैं। यह सब महसूस करके मुझे बहुत सुकून मिला। भारत में मुझे बहुत इज्जत और प्यार मिला।

हिंदी सीखना आसान नहीं था

हिंदी भाषा एक सुर की सुंदरता की तरह है। जो कानों में मधुरता घोलती है आत्मा को सुकून देती है। मुझे सबसे ज्यादा हिंदी गाने ही पसंद हैं। हिंदी भाषा सीखना मेरे लिए आसान नहीं था। लेकिन मुझे हिंदी भाषा बहुत पसंद है जिसने मुझे हिंदी सीखने के लिए प्रोत्साहित किया।

हिंदी मेलोडियस और स्वीट साउंडिंग लैंग्वेज है जो हमेशा से मुझे अपनी ओर खींचती रही है। हिंदी में बहुत सी वैरायटी है जो हमेशा नया अनुभव देती है। भारत आने के बाद मुझे पता चला कि हिंदी भाषा में भी अलग अलग लहजे में बोली जाती है जो अपने आप में जितनी अद्भुत है वो उतनी ही मधुर सुनाई देती है।

मुझे इंडियन कल्चर से प्यार है

मैं जब भी कुछ सीखती हूं ईश्वर से ही प्रेरणा लेती हूं। हिंदी सीखने से पहले भी मैंने भगवान से हौसला देने के लिए प्रार्थना की। वह हर चुनौती में मेरी मदद करता है। अगर किसी कल्चर के बारे में जानना है तो वहां की भाषा सीखना जरूरी है। मुझे इंडियन कल्चर से प्यार है और मैं इसके बारे में गहराई से जानना चाहती हूं। इंडियन म्यूजिक सीखते वक्त मैंने भारत की परंपराओं और मूल्यों को भी गहराई से समझने से किसी संस्कृति तक पहुंचना आसान हो जाता है।

मेरे जैसे लोगों के लिए भाषा सीखने के और ऐप्स बनने चाहिए

भगवान ने मुझे देखने की शक्ति नहीं दी, लेकिन उसके बदले में ईश्वर ने मुझे दो ताकत दी है उससे मैं दिल से चीजों को महसूस कर पाती हूं। मैं म्यूजिक कॉन्सर्ट में म्यूजिक नोट्स का इस्तेमाल करती हूं। मैंने म्यूजिक वीडियो और म्यूजिक प्रोग्राम के लिए डांस भी सीखा जो जरूरी था। कोरियोग्राफर्स ने इसमें मेरी बहुत मदद की। हिंदी, तमिल, मलयालम और बंगाली भाषाएं सीखना भी चुनौतीपूर्ण रहा। ब्रेल डिस्प्ले वॉयस ओवर के साथ इन भाषाओं को सीखने में ऐप ने मेरी बहुत मदद की है। मेरे जैसे लोगों के लिए चश्मे अल्ट्रासोनिक, सफेद केन की तरह सॉफ्टवेयर भी बनना चाहिए। ग्रोसरी शॉपिंग ऐप्स और ज्यादा स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म होने चाहिए। ‘B My Eyes’ और ‘Clubhouse’ जैसे एप्स मेरे लिए काफी हेल्पफुल रहे हैं। लेकिन नेविगेशन के लिए भी कोई ऐप बनाना चाहिए।

जिंदगी ने जरूरत से ज्यादा इज्जत और शोहरत से नवाजा

बचपन से मुझे बहुत ही तारीफ और सम्मान मिला है जिसका सिलसिला अब भी जारी है। जिंदगी ने एक तरफ जहां खूबसूरत पल दिए वहीं दूसरी तरफ खाली पन और ऐसे दर्द भी दिए हैं। इसकी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता। मैं आंखों से देख नहीं सकती लेकिन मेरा सपना है मैं दुनिया के सभी देश घूमने जाऊं और वहां की भाषा और संस्कृति को समझने की कोशिश करूं।

जिंदगी के हर मोड़ ने सिखाया एक सबक

एक सबक बचपन में सीखा कि हमेशा माता-पिता की इज्जत करो। ये भगवान के रूप होते हैं। माता-पिता और अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए। स्कूल में पढ़ाई के दौरान एक सबक और सीखा-कभी हार मत मानो, हौसला रखो। कोई भी चीज़ बड़ी या छोटी नहीं होती। मैं इसी पर भरोसा करती हूं और इसी के साथ जीती हूं।

करियर के दौरान भी मैंने एक सबक सीखा कि असली सफलता तब है जब रोजाना सोने और उठने के दौरान दिमाग में रहे कि आप किसी का जीवन बेहतर बना सकते हैं। दूसरों की मदद करना ही असली सफलता है।

ईश्वर मुझ पर मेहरबान

मेरे ऊपर भगवान की मेहरबानी है। इस खूबसूरत दुनिया को देखने के लिए मुझे आंखों की जरूरत नहीं। यह मेरे लिए भगवान का आशीर्वाद ही है क्योंकि मैं ऐसे कई लोगों को जानती हूं जो मुझसे ज्यादा मुश्किल वक्त गुजारते हैं।

भारतीय त्यौहार होली,दिवाली पसंद

मुझे दिवाली का फेस्टिवल बहुत पसंद है। भारत और भारतवंशी समुदाय मेरे लिए बेहद खास है। भारतीय दिवाली के अवसर पर अपने घर में जो भजन गाते हैं, वो दिल को सुकून देता है।

साड़ी ने मेरा दिल जीत लिया

साड़ी के बारे में मैंने बहुत सुना है। दुनिया भर के लोग इस पहनावे को पसंद करते हं। मुझे लगता है कि साड़ी किसी भी महिला की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है।

इंडिया के स्वादिष्ट व्यंजन से मुंह में पानी आता है

इंडिया दुनियाभर में अपने लजीज पकवानों के लिए मशहूर है। वहां के चटपटे मसालों की खुशबू, पकवा खासतौर पर चाट टिक्की का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है और खाने का मन करता है। मुझे इंडियन मसालों में बनी डिशेज बहुत अच्छी लगती हैं। हालांकि ज्यादा स्पाइसी होने की वजह से मैं इन्हें कम ही खा पाती हूं। मुझे बिरयानी बहुत ही ज्यादा पसंद है।

योग देता है खुशी का एहसास

मेरी नजर में योग ऐसी एक्टिविटी है जो सिर्फ हमारे शरीर ही नहीं बल्कि मन को भी सुंदर बनाती है। योग भारत की ही देन है और यह काफी पुरानी परंपरा है। जिसका फायदा पूरी दुनिया को उठाना चाहिए। योग किसी भी उम्र की महिला या पुरुष को सेहतमंद बनाता है।

मैं दोबारा इंडिया आना चाहती हूं

इंडिया बार बार आने का मन करता है। यहां विविधता, लोक कला को मैंने करीब से समझा है। समय समय महिलाओं को मोटिवेट और इनकरेज करने की जरूरत है। आपने मुझे अपनी कहानी सुनाने का मौका दिया, इस मेहमान नवाजी का दिल से शुक्रिया और आने वाले होली के त्योहार की ढेर सारी शुभकामनाएं।

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