अरविंद केजरीवाल ने एलजी के रोके गए कामों की सिलसिलेवार तरीके से जानकारी भी दी है. साथ ही एलजी के लेटर की भाषा पर भी आपत्ति जताई है. अरविंद केजरीवाल ने लिखा, “बुधवार को मुझे आपका पत्र मिला, लेकिन मैं आपके पत्र में इस्तेमाल किए गए भाषा से बेहद दुखी हूं. आप और मैं दोनों संवैधानिक पद पर हैं. आप केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त उप-राज्यपाल हैं. हमारी राजनीतिक पृष्ठभूमि के नाते हमारे बीच जो भी मतभेद हों, लेकिन एक संवैधानिक पदाधिकारी से दूसरे संवैधानिक पदाधिकारी के लिए आपत्तिजनक भाषा स्वीकार्य नहीं है.”  

केजरीवाल ने आगे लिखा, “आप कह रहे हैं पानी के बिल से जुड़ा कैबिनेट नोट आपकी जानकारी में नहीं आया, जबकि एक से ज्यादा बार खुद मैंने आपके साथ इस मामले पर चर्चा की है. आपके संज्ञान में लाया गया है कि दिल्ली जल बोर्ड शहरी विकास विभाग और वित्त विभाग कैबिनेट में प्रस्ताव न लाकर संवैधानिक संकट खड़ा कर रहे हैं. आपके पिछले 2 साल के कार्यकाल में जो मैंने देखा वह पहले कभी नहीं देखा था.”

मोहल्ला क्लीनिक में बंद हो गईं दवाइयां और टेस्ट

दिल्ली के सीएम ने लेटर में लिखा, “मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयां और टेस्ट बंद कर दिए गए थे. किराया और बिजली बिल का पेमेंट भी बंद कर दिया गया था. सितंबर 2023 से लेकर फरवरी 2024 तक अस्पतालों में ओपीडी काउंटर पर से स्टाफ भी हटा दिया गया था. दिल्ली में जगह-जगह पर सीवर ओवरफ्लो हो रहे हैं, क्योंकि 7 महीने से दिल्ली जल बोर्ड को पैसा जारी नहीं किया गया.”

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DTC के पेंशन धारकों को नहीं मिली पेंशन

केजरीवाल ने लिखा, “DTC के पेंशन धारकों को दिसंबर तक पेंशन नहीं मिली, क्योंकि वित्त विभाग ने फंड रोक दिए. महिलाओं की सुरक्षा के लिए बसों में तैनात बस मार्शल हटा दिए गए. 1993 में जब से दिल्ली में सरकार बनी है, तब से ऐसा पहली बार हुआ है. वह भी पिछले दो सालों में जब से आप उपराज्यपाल बने हैं. मैं जब अफसर को बुलाकर पूछता हूं, क्यों वह पैसा रोक रहे हैं और क्यों बिना मतलब फाइलों पर आपत्ति लगा रहे हैं, तो वह कहते हैं कि उनको ऐसा करने के लिए उपराज्यपाल ने धमकी दी है.”

दोषी अफसरों पर कार्रवाई करने की अपील

उन्होंने आगे लिखा, “अफसर बताते हैं कि उनको कहा गया है कि अगर वह चुनी हुई सरकार के साथ सहयोग करेंगे, तो उनको विजिलेंस इन्कवॉयरी, अनुशासनात्मक कार्रवाई, निलंबन, सीबीआई जांच और ईडी की गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है. मैंने आपसे कई बार दोषी अवसरों पर कार्रवाई करने के लिए कहा, लेकिन आपने किसी एक भी अफसर पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की.”

लेटर में केजरीवाल लिखते हैं, “सर्विस और विजिलेंस आपके पास है. इसलिए दोषी अफसर पर कार्रवाई करने का अधिकार भी आपके पास है. लेकिन जब आप कार्रवाई नहीं करते, तो मेरे मन में शक पैदा होता है कि क्या यह सब आपके निर्देश पर ही हो रहा है. मैं यह सोचने को मजबूर हूं कि दिल्ली में काम केवल इसलिए रोका जा रहा है, ताकि आम आदमी पार्टी को बदनाम किया जा सके. ताकि केंद्र की बीजेपी सरकार के हितों को बढ़ावा दिया जा सके.”

केजरीवाल ने फिर की सहयोग की मांग

दिल्ली के सीएम ने लिखा- “मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसा नहीं है. इसलिए आपसे एक बार फिर निवेदन करता हूं कि कम से कम एक अफसर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके नजीर पेश करें, जिससे पूरे प्रशासनिक मशीनरी में व्यवस्था बने. इससे यह संदेश जाएगा कि मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल दिल्ली के लोगों के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. साथ ही इससे यह सुनिश्चित होगा कि दिल्ली सरकार में सभी अधिकारी दिल्ली के लोगों का काम रोकने की बजाय उनके हित में काम करेंगे.”

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एलजी ने केजरीवाल पर लगाया था भ्रामक कहानी गढ़ने का आरोप

इससे पहले एलजी ने केजरीवाल और उनकी AAP सरकार पर पानी के बिल माफी योजना को लेकर भ्रामक कहानी गढ़ने का आरोप लगाया है. एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि पानी, वित्त और शहरी विकास विभाग पूरी तरह से दिल्ली सरकार के नियंत्रण में आता है. एलजी का इससे कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, “आप फैसला लीजिए, दूसरों पर आरोप मत लगाइए.”

राजभवन की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 4 पेज का लेटर जारी किया गया है. केजरीवाल को लेकर एलजी ने कहा, “आपके बयान सफेद झूठ है. आपने गाली देकर भाग जाने में महारत हासिल की है और करियर बनाया है. सभी 27 लाख उपभोक्ताओं को फायदा दीजिए, केवल 10 लाख क्यों? 17 लाख ईमानदार उपभोक्ताओं का पैसा ब्याज समेत लौटाइए.”

संवैधानिक दफ्तर पर फोड़ रहे अपनी अक्षमता का ठीकरा

एलजी ने अपने लेटर में कहा, “यह पूरी तरह साफ किया जाता है और मैं इसे अपने रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं कि कथित योजना, जो दिल्ली जल बोर्ड, नगर विकास  विभाग और वित्त विभाग से जुड़ा है; पूरी तरह आपके (केजरीवाल) के नियंत्रण में है. मेरे पास इस योजना का कोई कागज आया ही नहीं. एलजी ने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार अपनी अक्षमता का ठीकरा संवैधानिक दफ्तर या केंद्र सरकार पर फोड़ रही है.

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