स्प्रिंगफील्ड29 मिनट पहले

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ट्रम्प के पास अब भी दो विकल्प हैं। पहला- वो राज्य के सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। दूसरा- वो फेडरल सुप्रीम कोर्ट में जाकर तमाम फैसलों को एक साथ चैलेंज कर सकते हैं। (फाइल) - Dainik Bhaskar

ट्रम्प के पास अब भी दो विकल्प हैं। पहला- वो राज्य के सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। दूसरा- वो फेडरल सुप्रीम कोर्ट में जाकर तमाम फैसलों को एक साथ चैलेंज कर सकते हैं। (फाइल)

रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट बनने की रेस में शामिल पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इलिनोइस राज्य में प्राइमरी इलेक्शन नहीं लड़ सकेंगे। लोउर कोर्ट की जज ट्रेसी पोर्टर ने गुरुवार को दिए गए फैसले में ट्रम्प को 6 जनवरी 2021 की हिंसा में शामिल माना।

ट्रम्प के लिए यह तीसरा झटका है। इसके पहले कोलोराडो और माइने में उनका नाम प्राइमरी बैलट पेपर से हटाया जा चुका है। इलिनोइस में 19 मार्च को प्राइमरी इलेक्शन होना हैं। ट्रम्प के सामने भारतीय मूल की निकी हेली चुनौती हैं।

लोउर कोर्ट की जज ट्रेसी पोर्टर ने गुरुवार को दिए गए फैसले में ट्रम्प को 6 जनवरी 2021 की हिंसा में शामिल माना है। (फाइल)

लोउर कोर्ट की जज ट्रेसी पोर्टर ने गुरुवार को दिए गए फैसले में ट्रम्प को 6 जनवरी 2021 की हिंसा में शामिल माना है। (फाइल)

अपील कर सकेंगे

  • 77 साल के ट्रम्प के लिए सियासी तौर पर यह बड़ा नुकसान है। इसकी वजह यह है कि पार्टी में उनके कैंडिडेट बनने में इससे देरी होगी। हालांकि, निकी को इसका फायदा मिलना संभव नहीं दिखता, क्योंकि ट्रम्प पहले ही रेस में काफी आगे हैं।
  • जज ट्रेसी ने अपने फैसले में कहा- इस फैसले के खिलाफ ट्रम्प अपील कर सकेंगे। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन 1 मार्च के बाद ही इस पर अमल कर सकेगी। दूसरे शब्दों में कहा जाता है तो ट्रम्प 1 मार्च के पहले इलिनोइस के स्टेट सुप्रीम कोर्ट या फेडरल सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चैलेंज कर सकते हैं।
  • फैसले की वजह साफ करते हुए जज ने कहा- मेरे सामने मौजूद सबूत इस बात की तस्दीक करते हैं कि 6 जनवरी 2021 को संसद में हुई हिंसा में ट्रम्प का भी रोल था। लिहाजा, उनका नाम प्राइमरी बैलट से हटाया जाना चाहिए।
  • इस मामले में एक खास बात है। दरअसल, इलिनोइस में डेमोक्रेट पार्टी की सरकार है और उसके स्टेट इलेक्शन बोर्ड ने ट्रम्प का नाम बैलट पेपर पर रखा था। हालांकि, इसे काउंटी कोर्ट में चैलेंज किया गया और यहां बैलट पेपर से नाम हटाने का फैसला दिया गया। कोर्ट ने 72 पेज में फैसले की तफ्सील दी है। इतना ही नहीं, फैसले में कोलोराडो और माइने की अदालतों के फैसले का हवाला भी दिया गया है।
फैसले के बाद ट्रम्प के समर्थक चुनाव अधिकारियों के पास पहुंचे और उन्हें यह पोस्टर दिखाए। कोलोराडो में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं।

फैसले के बाद ट्रम्प के समर्थक चुनाव अधिकारियों के पास पहुंचे और उन्हें यह पोस्टर दिखाए। कोलोराडो में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं।

ट्रम्प संसद हिंसा के जिम्मेदार

  • दिसंबर 2023 में कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने ट्रम्प को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। कोर्ट ने कहा था- इसमें कोई दो राय नहीं कि पूर्व राष्ट्रपति किसी न किसी तौर पर 6 जनवरी 2021 की हिंसा में जाने या अनजाने तौर पर शामिल थे। इसका सीधा असर 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प को मिलने वाले वोटों पर होगा।
  • इसके बाद माइने राज्य के चीफ इलेक्शन ऑफिसर ने ट्रम्प का नाम प्राइमरी इलेक्शन बैलट पेपर से हटाने का आदेश दिया था। यह फैसला शेना बेलोस ने किया। उन्हें डेमोक्रेट पार्टी और बाइडेन का करीबी समझा जाता है। बेलोस के मुताबिक- कैपिटॉल हिल दंगों के लिए ट्रम्प जिम्मेदार हैं। उन्हें समर्थकों को रोकने के बजाए भड़काया।
  • बेलोस ने कहा था- मैं जानती हूं कि इसके पहले किसी प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट के बारे में हमारे राज्य में इस तरह का फैसला नहीं किया गया। मैंने अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन की धारा 3 का इस्तेमाल किया है। लेकिन, ये भी सच है कि पहले इस तरह की हरकत भी नहीं हुई थी।

ट्रम्प के पास दो विकल्प

  • तकनीकि या कहें कानूनी तौर पर देखें तो ट्रम्प के पास दो रास्ते हैं। पहला- अमेरिका के करीब-करीब हर राज्य में अपना सुप्रीम कोर्ट या अपीलीय अदालत होती है। कोलाराडो और माइने के बाद इलिनोइस में में भी ऐसा ही है। लिहाजा, ट्रम्प इस आदेश को चैलेंज कर सकते हैं। दूसरा- ट्रम्प और रिपब्लिकन पार्टी चाहे तो फेडरल सुप्रीम कोर्ट (अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट) के पास पिटीशन दायर कर सकते हैं। इसमें वो कहेंगे कि उनके खिलाफ सभी केसेज को एक साथ सुना जाए और नवंबर 2024 के पहले इस पर फैसला दिया जाए।
  • अमेरिकी मीडिया हाउस ‘द हिल’ के मुताबिक- ट्रम्प की स्ट्रैटेजी यह है कि इन मामलों को लंबे वक्त चलने दिया जाए, क्योंकि वो विक्टिम कार्ड खेलकर सियासी बढ़त हासिल करना चाहते हैं। इसमें उन्हें कामयाबी भी मिल रही है। मसलन साउथ कैरोलिना निकी हेली का होम स्टेट है। इसके बावजूद
  • ‘फॉक्स न्यूज’ के पॉलिटिकल एक्सपर्ट मार्क स्टोन कहते हैं- जॉर्जिया में ट्रम्प के खिलाफ 2020 के नतीजे पलटने की साजिश के दो मामलों में आरोप तय हो चुके हैं। हालांकि, 6 जनवरी हिंसा के मामले में उन पर सीधे तौर पर कोई आरोप ही नहीं हैं। इन्हें साबित करना लगभग नामुमकिन है। अब डेमोक्रेट्स अपनी सरकारों वाले राज्यों में अगर ट्रम्प को कानूनी मामलों में फंसाएंगे तो वो ट्रम्प को हीरो ही बना रहे हैं। ट्रम्प भी तो यही चाहते हैं।
6 जनवरी 2021 को हुए कैपिटल हिल दंगे में कम से कम 138 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। जवाबी फायरिंग में 5 से ज्यादा उपद्रवियों की मौत हुई थी। (फाइल)

6 जनवरी 2021 को हुए कैपिटल हिल दंगे में कम से कम 138 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। जवाबी फायरिंग में 5 से ज्यादा उपद्रवियों की मौत हुई थी। (फाइल)

रिपब्लिकन पार्टी का स्टैंड क्या है

  • रिपब्लिकन पार्टी के स्पोक्सपर्सन स्टीवन चेउंग ने कहा- अमेरिका और दुनिया देख रही है कि क्या हो रहा है। अमेरिकी वोटर्स को एक और साजिश में फंसाया जा रहा है। 4 साल बाद फिर इलेक्शन फ्रॉड की साजिश रची जा रही है। 19 दिसंबर को कोलोराडो में ट्रम्प को बैन किया गया था। अब माइने में भी यही खेल हुआ है। आगे भी यही कुछ होगा। लेकिन, हम तैयार हैं। डेमोक्रेट्स इस देश के सबसे पॉपुलर लीडर को सियासी तौर पर खत्म करना चाहते हैं।
  • ट्रम्प की पार्टी कोलोराडो और माइने के सुप्रीम कोर्ट में बैन के खिलाफ अपील कर चुकी है। 50 में से सिर्फ तीन राज्यों में उनके प्राइमरी इलेक्शन लड़ने पर रोक लगी है। बाकी पर नजर रखनी होगी। हालांकि, कुछ राज्य ऐसे भी जहां ट्रम्प पर इलेक्शन बैन की पिटीशन्स खारिज कर दी गईं। माइने वैसे भी प्रेसिडेंट बाइडेन और डेमोक्रेट पार्टी का गढ़ माना जाता है।
  • 2016 और 2020 में ट्रम्प को इस राज्य से सिर्फ एक इलेक्टोरल वोट मिला था। हालांकि, इसकी कुछ तकनीकि वजहें भी थीं।

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