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  • Ekadashi Story, Which Vashishtha Muni Narrated To King Dilip: The First Gandharva Named Lalita Noticed The Quick Of Kamada Ekadashi.

5 घंटे पहले

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कामदा एकादशी व्रत की कथा सबसे पहले वशिष्ठ मुनि ने श्रीराम के पूर्वज राजा दिलीप को सुनाई थी। उसके बाद द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने ये कथा अर्जुन को सुनाई। इसके बाद पुराणों से होते हुए ये कथा हम तक पहुंची।

अब जानते हैं व्रत की कथा…

भागीपुर नाम के नगर में पुण्डरीक नाम का राजा था। उसके राज्य में कई अप्सराएं, गंधर्व और किन्नर रहते थे। ये कथा ललित एवं ललिता नाम के गंधर्वों की है। जो कि गायन विद्या में निपुण थे। उनमें इतना प्रेम था कि दोनों अलग होने की कल्पना से ही दुखी हो जाते थे।

एक बार राजा पुण्डरीक गंधर्वों के साथ सभा में थे। वहां ललित नाम का गंधर्व गा रहा था, लेकिन उस समय उसकी प्रेमिका ललिता वहां नहीं थी। गाते हुए उसे अचानक ललिता की याद आ गई। इस कारण उससे गाने में गड़बड़ हो गई।

वहां मौजूद नाग लोक के राजा कर्कोटक ने राजा पुण्डरीक से गंधर्व की शिकायत की। राजा ने गुस्से में ललित को श्राप दिया कि गंधर्व नरभक्षी दैत्य बनकर अपने कर्म का फल भोगेगा।

ललित गंधर्व उसी वक्त राजा के श्राप से एक भयंकर दैत्य बन गया। उसका चेहरा डरावना हो गया। उसकी एक आंख सूर्य के जैसी और दूसरी चंद्रमा के जैसी चमकने लगी। मुंह से आग निकलने लगी।

नाक पर्वत की गुफाओं के जैसी बड़ी हो गई। गर्दन पहाड़ के समान दिखने लगी। भुजाएं बहुत ज्यादा लंबी हो गईं और उसका शरीर कई किलोमीटर तक फैल गया। इस तरह राक्षस बन जाने पर वो कई तरह के दुखों से परेशान हो गया।

अपने प्रेमी को देख ललिता दुखी हो गई और उसके उद्धार और मुक्ति के लिए विचार करने लगीं। प्रेमी के पीछे-पीछे चलते हुए वो एक बार विद्याचल पर्वत पर पहुंच गई। वहां उसने श्रृंगी मुनि का आश्रम देखा और उनके पास जाकर प्रार्थना करने लगी। उसने गंधर्व को राक्षस योनि से मुक्ति के लिए मुनि से उपाय पुछा।

श्रृंगी मुनि ने चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि इसे कामदा एकादशी कहते हैं और इसके व्रत से हर इंसान की मनोकामना पूरी हो जाती है।

इस व्रत का पुण्य अपने प्रेमी को देने से वो राक्षस योनि से मुक्त हो जाएगा। ललिता ने ऐसा ही किया। एकादशी का फल मिलते ही गंधर्व राक्षस योनि से मुक्त हो गया और दोबारा अपने दिव्य रूप में आ गया और ललिता के साथ रहने लगा।

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