नई दिल्ली5 घंटे पहले

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EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने दिसंबर-2023 में 15.62 लाख अकाउंट खोले हैं, जो पिछले तीन महीनों में सबसे अधिक है। श्रम मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी पेरोल डेटा के अनुसार, दिसंबर-2022 की तुलना में 4.62% ज्यादा PF खाते खोले गए।

वहीं, नवंबर-2023 की तुलना में 11.97% ज्यादा अकाउंट ओपन किए गए। इस दौरान रियारमेंट फंड बॉडी ने 13.95 लाख सदस्य जोड़े थे। वहीं महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक और हरियाणा से सबसे अधिक सदस्य शामिल हुए हैं। इससे पता चलता है कि देश में रोजगार बढ़ रहा है।

8.41 लाख नए अकाउंट खुले
EPFO द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में जो 15.62 लाख सब्सक्राइबर जुड़े हैं, उनमें से 8.41 लाख पहली बार EPF में शामिल हुए हैं, जो पिछले तीन महीनों में सबसे ज्यादा और नवंबर 2023 की तुलना में 14.21% अधिक है।

खास बात ये है कि EPFO में खाता खुलवाने वाले कुल नए सदस्यों में 57.18% 18-25 उम्र के लोगों के रहे। वहीं, 12.02 लाख सदस्य ऐसे रहे जो EPFO से बाहर निकल गए थे और बाद फिर से शामिल हो गए।

पांच महीनों में सबसे ज्यादा लोगों ने EPFO री-जॉइन किया
12.02 लाख सब्सक्राइबर EPF से बाहर हो गए थे, लेकिन दोबारा नौकरी मिलने या बदलने के कारण फिर से EPF के सदस्य बन गए हैं। यह आंकड़ा नवंबर-2023 के पिछले महीने की तुलना में 12.61% ज्यादा और पिछले 5 महीनों में सबसे अधिक दर्ज किया गया है।

महिलाओं की हिस्सेदारी 3.54% रही
EPFO के अनुसार, 8.41 लाख नए सदस्यों में से लगभग 2.09 लाख महिला सब्सक्राइबर रहीं, जो नवंबर 2023 की तुलना में 7.57% ज्यादा है। इसके अलावा, दिसंबर महीने के दौरान नेट वूमन मेंबर की संख्या लगभग 2.90 लाख रही, जो पिछले महीने की तुलना में लगभग 3.54% की वृद्धि को दिखाता है।

PF पर 8.25% ब्याज मिलेगा, 2023-24 के लिए 0.10% बढ़ाया
अब एम्प्लॉईज प्रोविडेंट फंड (EPF) अकाउंट में जमा राशि पर 8.25% ब्याज मिलेगा। एम्प्लॉईज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने 10 फरवरी को अपनी 235वीं बैठक में इसकी सिफारिश की थी।

सरकार की मंजूरी के बाद यह लागू हो जाएगा। इससे देश के 6 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा। नई दरें लागू होने के बाद अगर आपके EPF अकाउंट में 1 लाख रुपए जमा हैं, तो इस पर साल में 8,250 रुपए का ब्याज मिलेगा।

पिछले साल 8.15% ब्याज तय किया था
पिछले साल मार्च में EPFO ने EPF की ब्याज दर 8.15% तय की थीं। EPFO एक्ट के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्लस DA का 12% PF अकाउंट में जाता है।

कंपनी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्लस DA का 12% कॉन्ट्रिब्यूट करती है। कंपनी के 12% कॉन्ट्रीब्यूशन में से 3.67% PF अकाउंट में जाता है और बाकी 8.33% पेंशन स्कीम में जाता है।

1952 में 3% ब्याज से शुरुआत हुई थी
1952 में PF पर ब्याज दर केवल 3% थी। हालांकि, इसके बाद इसमें बढ़ोतरी होती गई। 1972 में यह 6% और 1984 में यह पहली बार 10% के ऊपर पहुंच गई। PF धारकों के लिए सबसे अच्छा समय 1989 से 1999 तक था। इस दौरान PF पर 12% ब्याज मिलता था।

इसके बाद ब्याज दर में गिरावट आनी शुरू हो गई। 1999 के बाद ब्याज दर कभी भी 10% के करीब नहीं पहुंची। 2001 के बाद से यह 9.50% के नीचे ही रही है। पिछले सात सालों से यह 8.5% या उससे कम रही है।

फाइनेंशियल ईयर के आखिर में तय होती है ब्याज दर
PF में ब्याज दर के फैसले के लिए सबसे पहले फाइनेंस इन्वेस्टमेंट एंड ऑडिट कमेटी की बैठक होती है। यह इस फाइनेंशियल ईयर में जमा हुए पैसों के बारे में हिसाब देती है।

इसके बाद CBT की बैठक होती है। CBT के निर्णय के बाद वित्त मंत्रालय सहमति के बाद ब्याज दर लागू करता है। ब्याज दर पर फैसला फाइनेंशियल ईयर के आखिर में होता है।

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सरकार ने एम्प्लॉई प्रॉविडेंट फंड (EPF या PF) से पैसा निकालने के लिए ऑनलाइन सुविधा दी है। इससे PF से पैसा निकालना आसान हो गया है। इस कारण देखा जाता है कि पैसों की जरूरत पड़ने पर लोग अपने PF फंड से पैसा निकाल लेते हैं।

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