37 मिनट पहले

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भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया(WFI)का कार्यभार संभाल रही एडहॉक कमेटी को भंग कर दिया है।
दरअसल केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओर से खेल गाइड लाइन के पालन न करने पर WFI को बैन कर दिया था। हालांकि, मंत्रालय की ओर से अभी तक बैन नहीं हटाया गया है। खेल मंत्रालय की ओर से WFI के बैन किए जाने के बाद IOA ने फेडरेशन के कार्यों को देखने के लिए एडहॉक कमेटी का गठन किया था।
वर्ल्ड रेसलिंग फेडरेशन भी हटा चुका है बैन
इस महीने ही वर्ल्ड रेसलिंग फेडरेशन ने WFI की सदस्यता बहाल की थी। वर्ल्ड रेसलिंग ने पिछले साल अगस्त में फेडरेशन चुनाव समय से नहीं कराने के कारण WFI की सदस्यता रद्द कर दी थी, लेकिन हाल ही में उसने एक बैठक की जिसमें कुछ शर्तों के साथ WFI की सदस्यता बहाल करने का फैसला किया था।

IOA के फैसले पर संजय सिंह बोले- जल्दी ही नेशनल कैंप लगाएंगे
हम फेडरेशन का पूर्ण नियंत्रण देने के लिए IOA को धन्यवाद देते हैं। हम जल्द ही राष्ट्रीय शिविर आयोजित करेंगे और अगर पहलवान विदेश में प्रशिक्षण लेना चाहते हैं तो हम हर सुविधा देंगे। मुझे यकीन है कि यह हमारे लिए संघर्ष का अंत है। WFI अध्यक्ष संजय सिंह ने IOA की एडहॉक कमेटी भंग करने पर पीटीआई से कहा।

एडहॉक कमिटी ने कराए थे ट्रायल
एडहॉक कमिटी ने हाल ही एशियन चैंपियनशिप और ओलिंपिक कोटा के लिए होने वाले इंवेट में भाग लेने वाले पहवानों के चयन को लेकर पुरुष और महिला कैटेगिरी में ट्रायल कराए। पुरुषों में जहां बजरंग को हार का सामना करना पड़ा था, वहीं महिला वर्ग में ड्रामा के बाद विनेश फोगाट जीत दर्ज करने में सफल रही थीं।

विनेश, बजरंग और साक्षी ने किया था विरोध प्रदर्शन
विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे शीर्ष पहलवानों ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इन पहलवानों की मांग थी कि बृजभूषण को उनके पद से हटाया जाए और नए सिरे से चुनाव हों।

बृजभूषण इस साल WFI का चुनाव नहीं लड़े और उनके करीबी माने जाने वाले संजय सिंह ने जीत दर्ज की। विनेश, बजरंग और साक्षी इससे खुश नहीं थे क्योंकि उनका कहना था कि संजय सिंह बृजभूषण के करीबी हैं और ऐसे में पहलावनों को न्याय नहीं मिल सकेगा। हालांकि खेल मंत्रालय ने खेल नियमों के उल्लंघन के कारण संजय सिंह की अगुआई वाले WFI को निलंबित कर दिया था।

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