वॉशिंगटन5 घंटे पहले

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इजराइली डिफेंस मिनिस्टर के मुताबिक- अगर मदद करने वाले लोग ही आम लोगों की हत्याएं करेंगे तो क्या होगा। (फाइल) - Dainik Bhaskar

इजराइली डिफेंस मिनिस्टर के मुताबिक- अगर मदद करने वाले लोग ही आम लोगों की हत्याएं करेंगे तो क्या होगा। (फाइल)

इजराइल में 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमलों में हमास के आतंकियों के अलावा ‘यूनाइडेट नेशन्स रिलीफ एंड वर्क एजेंसी’ यानी UNRWA के दर्जनों कर्मचारी शामिल थे। पहले इनकी संख्या 12 बताई गई थी। ‘फॉक्स डिजिटल’ को दिए इंटरव्यू में इजराइली डिफेंस मिनिस्टर योव गैलेंट ने हमले में शामिल UNRWA के कर्मचारियों की तादाद बताने से इनकार कर दिया।

हालांकि, उन्होंने ये जरूर कहा कि इजराइली इंटेलिजेंस को इन लोगों के नाम और संख्या पुख्ता तौर पर मालूम है। गैलेंट ने कहा- अगर मदद करने वाले लोग ही आम लोगों की हत्याएं करेंगे तो क्या होगा। हम इस बारे में पूरी रिपोर्ट UN को सौंप चुके हैं।

अमेरिकी डिफेंस मिनिस्टर के साथ योव गैलेंट। इजराइली डिफेंस मिनिस्टर गैलेंट कह चुके हैं कि उनकी फौज हर हमले का जवाब देगी, भले ही उसमें कोई भी शामिल हो। (फाइल)

अमेरिकी डिफेंस मिनिस्टर के साथ योव गैलेंट। इजराइली डिफेंस मिनिस्टर गैलेंट कह चुके हैं कि उनकी फौज हर हमले का जवाब देगी, भले ही उसमें कोई भी शामिल हो। (फाइल)

12 से ज्यादा कर्मचारी शामिल

  • गैलेंट ने इस इंटरव्यू में कहा- शुरुआत में 12 कर्मचारियों के 7 अक्टूबर के हमलों में शामिल होने की बात आई थी। अब यह तय हो चुका है कि यह संख्या काफी ज्यादा थी। ये एजेंसी तो 12 लोगों के शामिल होने की बात मानने के लिए भी तैयार नहीं थी। सच्चाई ये है कि हमास का एक और चेहरा UNRWA है और हमारे प्रधानमंत्री यह आरोप खुलेआम लगा चुके हैं। अब इस एजेंसी को फौरन खत्म किया जाना चाहिए।
  • एक सवाल के जवाब में इजराइली डिफेंस मिनिस्टर ने कहा- दुनिया को अब फौरन जान जाना चाहिए। UNRWA को गाजा में फिलिस्तीनियों तक मदद पहुंचाने का जिम्मा दिया गया है। अब ये लोग इजराइलियों की जान ले रहे हैं। यह एजेंसी आतंकी संगठन है और इसके आतंकियों को दुनिया के कई देश मदद देते हैं। ये सैलरी पाने वाले आतंकी हैं। हमारे पास हर मामले की पुख्ता जानकारी है।
  • गैलेंट ने कहा- 1200 इजराइली मारे गए और 240 को बंधक बनाया गया। 100 से ज्यादा लोग अब भी हमास के कब्जे में हैं। आखिर आतंकियों को इतनी मदद कहां से मिली? अब इसका सच दुनिया के सामने लाया जाएगा।
इजराइल-हमास जंग के बीच अमेरिका समेत 8 देशों ने संयुक्त राष्ट्र संघ यानी UN की एक एजेंसी की फंडिंग बंद कर दी है। (फाइल)

इजराइल-हमास जंग के बीच अमेरिका समेत 8 देशों ने संयुक्त राष्ट्र संघ यानी UN की एक एजेंसी की फंडिंग बंद कर दी है। (फाइल)

फंडिंग पर रोक

  • इजराइल-हमास जंग के बीच अमेरिका समेत 8 देशों ने संयुक्त राष्ट्र संघ यानी UN की एक एजेंसी की फंडिंग बंद कर दी है। इजराइल ने UNRWA नाम की संस्था के 12 कर्मचारियों पर हमास के आतंकियों के साथ मिलकर 7 अक्टूबर के हमले में शामिल होने के आरोप लगाए थे। इसके बाद एजेंसी ने इन सभी को बर्खास्त कर दिया।
  • UNRWA के चीफ फिलिपे लजारिनी ने कहा कि एजेंसी की साख को बचाने के लिए सभी आरोपियों को बर्खास्त करने का फैसला किया गया। इस एजेंसी को 1948 में उन फिलिस्तीनियों को राहत पहुंचाने के लिए बनाया था, जो इजराइली कब्जे में बेघर हो गए थे। फिलहाल ये एजेंसी गाजा, वेस्ट बैंक, सीरिया, जॉर्डन और लेबनान में 60 लाख लोगों की मदद कर रही है। इसका आम नागरिकों तक राहत का सामान पहुंचाना और उनकी मदद करना है। अमेरिका, ब्रिटेन, फिनलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इटली, जर्मनी, फिनलैंड और स्विटजरलैंड UNRWA की फंडिंग बंद कर चुके हैं।
अब तक इजराइल और UN दोनों ने ही इन कर्मचारियों और इनके रोल की डीटेल्स पब्लिक नहीं की हैं। (फाइल)

अब तक इजराइल और UN दोनों ने ही इन कर्मचारियों और इनके रोल की डीटेल्स पब्लिक नहीं की हैं। (फाइल)

बैकफुट पर UN

  • UN चीफ एंतोनियो गुतरेस ने कहा- हमें अपने 12 कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत और सबूत मिले थे। इसके बाद तेजी से एक्शन लिया गया और 9 कर्मचारियों को हटा दिया गया। ये सभी UN रिलीफ एंड वर्क एजेंसी यानी UARWA से जुड़े थे। इन पर आरोप थे कि इजराइल में 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमलों में इनकी भी भूमिका थी। इन लोगों ने इन हमलों में हिस्सा लिया था।
  • अब तक इजराइल और UN दोनों ने ही इन कर्मचारियों और इनके रोल की डीटेल्स पब्लिक नहीं की हैं। गुतरेस के मुताबिक, अगर हमें अगले महीने के लिए फंड्स नहीं मिले तो गाजा में रहने वाले करीब 20 लाख लोगों को खाना और पीने का पानी तक नहीं भेजा जा सकेगा। जिन लोगों के इन हमलों में शामिल होने का आरोप है है, उनमें से एक की मौत हो चुकी है।
  • UNRWA के चीफ फिलिप लजारिनी ने कहा कि एजेंसी की साख को बचाने के लिए सभी आरोपियों को बर्खास्त करने का फैसला किया गया। इस एजेंसी को 1948 में उन फिलिस्तीनियों को राहत पहुंचाने के लिए बनाया था, जो इजराइली कब्जे में बेघर हो गए थे।
  • फिलहाल ये एजेंसी गाजा, वेस्ट बैंक, सीरिया, जॉर्डन और लेबनान में 60 लाख लोगों की मदद कर रही है। इसका आम नागरिकों तक राहत का सामान पहुंचाना और उनकी मदद करना है। अब तक अमेरिका, ब्रिटेन, फिनलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इटली, जर्मनी, फिनलैंड और स्विटजरलैंड UNRWA को फंड रोकने का ऐलान कर चुके हैं।

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