काहिरा/‌वॉशिंगटन8 घंटे पहले

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इजराइल और हमास की जंग पर कमला हैरिस ने पहली बार सख्ती से इजराइल पर बात की है। (फाइल) - Dainik Bhaskar

इजराइल और हमास की जंग पर कमला हैरिस ने पहली बार सख्ती से इजराइल पर बात की है। (फाइल)

इजराइल और हमास के बीच सीजफायर कराने के लिए इजिप्ट की राजधानी काहिरा में बातचीत जारी है। हमास ने कहा था कि वो 48 घंटे में कोई फैसला लेगा। इस बीच, अमेरिका की वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस ने हमास से कहा है कि वो जल्द से जल्द सीजफायर की शर्तें माने। हैरिस ने कहा- हमास को याद रखना चाहिए कि इजराइली बंधक रिहा होंगे तभी गाजा को मदद मिल सकेगी।

इस बीच, ‘स्काय न्यूज’ ने कहा है कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू चाहते हैं कि सीजफायर से पहले हमास दो बातें साफ करे। पहली- वो कब और कितने बंधक रिहा करेगा। दूसरी- इजराइल को कितने फिलिस्तीनी छोड़ने होंगे।

व्हाइट हाउस की तरफ से पिछले हफ्ते जारी बयान में कहा गया था कि अगर इजराइल ने गाजा पर हमले बंद नहीं किए तो दुनिया में उसका समर्थन खत्म होने का खतरा है। (फाइल)

व्हाइट हाउस की तरफ से पिछले हफ्ते जारी बयान में कहा गया था कि अगर इजराइल ने गाजा पर हमले बंद नहीं किए तो दुनिया में उसका समर्थन खत्म होने का खतरा है। (फाइल)

इजराइल के बातचीत से हटने की खबरें

  • हैरिस का हमास को लेकर सख्त बयान ऐसे वक्त आया है, जब अमेरिकी मीडिया में इस तरह की भी खबरें हैं कि इजराइल ने काहिरा में चल रही बातचीत से खुद अलग कर लिया है। हैरिस ने कहा- गाजा में फौरन सीजफायर होना चाहिए और इजराइल सरकार को वहां भेजी जा रही मदद को नहीं रोकना चाहिए। वहां बहुत तेजी से राहत सामग्री भेजी जानी चाहिए। इस मामले में कोई बहानेबाजी नहीं होनी चाहिए।
  • हैरिस ने आगे कहा- इजराइल गाजा के लोगों की मदद नहीं रोक सकता। वहां तो इंसानियत के लिए ही खतरा पैदा हो चुका है। हम जानते हैं कि सीजफायर के लिए बातचीत तेजी से चल रही है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि गाजा में किसी तरह की मदद ही न पहुंचने दी जाए।
  • इस बीच, खबर है कि हमास का एक और डेलिगेशन दोहा से काहिरा पहुंच गया है। इसके पहले रविवार सुबह एक डेलिगेशन काहिरा पहुंचा था। माना जा रहा है कि नया डेलिगेशन इजराइल की कुछ शर्तों को सभी पक्षों के सामने रखेगा और इसके बाद डील पर फैसला होगा।
रविवार को डेमोक्रेटिक पार्टी की एक रैली के दौरान फिलिस्तीन समर्थक महिलाएं।

रविवार को डेमोक्रेटिक पार्टी की एक रैली के दौरान फिलिस्तीन समर्थक महिलाएं।

कहां अटकी है बात

  • एक रिपोर्ट के मुताबिक- अमेरिका और इजिप्ट के साथ ही कतर भी बातचीत का हिस्सा है। इजराइल सरकार सीजफायर के लिए तैयार हो चुकी है। अब हमास का फैसला करना है।
  • जानकारी के मुताबिक- दो बातों पर सहमति बन चुकी है। पहली- सीजफायर 6 हफ्ते का रहेगा। इस दौरान दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ हमले नहीं करेंगे। दूसरा- हमास 134 बंधकों को रिहा करेगा। इजराइल भी उसकी जेलों में मौजूद महिलाओं और बच्चों को छोड़ देगा।
  • माना जा रहा है कि यह रमजान के पहले ही यह डील हो जाएगी। हमास के गाजा में डिप्टी चीफ खलील अल हयास रविवार सुबह काहिरा पहुंचे। हमास की तरफ से वो ही बातचीत कर रहे हैं। इसके पहले उन्होंने कतर की राजधानी दोहा में सभी पक्षों से बातचीत की थी।
  • ‘स्काय न्यूज’ ने एक अमेरिकी अफसर के हवाले से कहा- सीजफायर के लिए बातचीत तेजी से चल रही है। इसकी वजह है कि दोनों पक्ष मसले का हल निकालने के लिए तैयार हो चुके हैं। फिर भी यही कहा जा सकता है कि फैसला अब हमास को करना है।
डेमोक्रेट पार्टी के कुछ समर्थकों का आरोप है कि कमला हैरिस ने अब तक इजराइल के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया, जबकि गाजा में वो नरसंहार का जिम्मेदार है। (फाइल)

डेमोक्रेट पार्टी के कुछ समर्थकों का आरोप है कि कमला हैरिस ने अब तक इजराइल के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया, जबकि गाजा में वो नरसंहार का जिम्मेदार है। (फाइल)

होस्टेज का मामला सुलझना जरूरी

  • रिपोर्ट्स के मुताबिक- कतर और इजिप्ट के अफसरों ने दोहा में हमास के नेताओं से मुलाकात की थी। इसके बाद पेरिस में सीजफायर का ड्राफ्ट तैयार किया गया। इजराइल इसके लिए तैयार हो चुका था। आखिरकार काहिरा में हमास को यह ड्राफ्ट सौंपा गया और उससे कहा गया कि इस पर जल्द फैसला करें। इजराइल ने भरोसा दिलाया था कि वो फिलिस्तीन के कई कैदियों को रिहा करने के लिए तैयार है।
  • इजराइल ने कहा है कि वो घायलों, बुजर्गों और महिलाओं को रिहा करेगा। इसके अलावा 18 से कम उम्र के बच्चों को भी रिहा किया जाएगा।
  • हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल के बॉर्डर एरिया में बसे शहरों पर हमले किए थे। 1200 लोग मारे गए थे। 234 को बंधक बना लिया था। 103 लोगों को नवंबर में रिहा कराया जा चुका है। बाकी हमास की कैद में हैं। इजराइल हर कीमत पर सबसे पहले बंधकों को रिहा कराना चाहता है। हमास इसके लिए हर बार शर्तें बदल रहा है। यही विवाद की जड़ है।

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