1 घंटे पहले

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मंगलवार, 23 अप्रैल को श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी का प्रकट उत्सव है। त्रेता युग में चैत्र पूर्णिमा पर ही शिव जी ने अंशावतार के रूप में केसरी और अंजनी के यहां जन्म लिया था। उस दिन भी मंगलवार ही था। इस बार भी मंगलवार को ही ये उत्सव मनाया जाएगा। 23 तारीख को चैत्र मास खत्म हो जाएगा और वैशाख मास के स्नान शुरू हो जाएंगे।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जी के साथ ही विष्णु जी और उनके अवतारों की विशेष पूजा जरूर करें। शिव जी का अभिषेक करें। पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा भी पढ़नी और सुननी चाहिए। जानिए इस दिन हनुमान जी की पूजा सरल स्टेप्स में कैसे कर सकते हैं…

  • हनुमान जी के प्रकट उत्सव पर सुबह स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। सूर्य देव हनुमान जी के गुरु हैं। इनकी पूजा से हनुमान जी भी प्रसन्न होते हैं।
  • सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घर के मंदिर में गणेश पूजा करें। गणेश जी को स्नान कराएं। हार-फूल और वस्त्रों से श्रृंगार करें। दूर्वा चढ़ाएं। लड्डू का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
  • गणेश पूजन के बाद राम दरबार के साथ हनुमान जी का अभिषेक करें। हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। पूजन सामग्री अर्पित करें। भगवान के सामने धूप-दीप जलाएं। हार-फूल चढ़ाएं। मिठाई का भोग लगाएं।
  • पूजा में हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। आप चाहें तो हनुमान जी के मंत्र ऊँ रामदूताय नम: का जप कर सकते हैं। मंत्र जप कम से कम 108 बार करना चाहिए।

चैत्र पूर्णिमा पर कर सकते ये शुभ काम

  • चैत्र पूर्णिमा पर गंगा, यमुना, शिप्रा, कावेरी, नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। अपने शहर के पास कोई नदी हो तो वहां स्नान कर सकते हैं। अगर नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो अपने घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
  • जरूरतमंद लोगों को धन के साथ ही अनाज, जूते-चप्पल, कपड़े, छाते का दान कर सकते हैं। किसी गोशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें।
  • शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। शिव जी को बिल्व पत्र, धतूरा, हार-फूल चढ़ाएं। शिवलिंग पर चंदन का लेप करें। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
  • किसी मंदिर में पूजन सामग्री जैसे कुमकुम, घी, अबीर, गुलाल, हार-फूल, प्रसाद के लिए मिठाई, धूप बत्ती आदि चीजों का दान कर सकते हैं।
  • किसी सार्वजनिक जगह पर प्याऊ लगाएंगे तो बहुत शुभ रहेगा। प्याऊ लगाना संभव न हो तो किसी प्याऊ में मटके का दान करें।

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