नई दिल्ली4 घंटे पहले

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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कुरियन जोसेफ ने शनिवार (24 फरवरी) को दावा किया कि देश का मीडिया संविधान और लोकतंत्र को बचाने और सच दिखाने में नाकाम रहा है।

कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म (CJAR) के दिल्ली में आयोजित एक सेमिनार में पूर्व जज कुरियन ने कहा कि अब व्हिसल ब्लोअर ही आखिरी उम्मीद बचे हैं। डिजिटल स्पेस में सिर्फ एक-दो प्राइवेट मीडिया संस्थान ही है, जो सच दिखाते हैं।

कुरियन ने कहा कि लोकतंत्र के पहले पिलर (विधायिका) को तो भूल ही जाएं। चौथा पिलर सबसे बड़ा फेलियर साबित हुआ है। इसने लोकतंत्र को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। मेरी समझ से व्हिसल ब्लोअर हमारे लोकतंत्र का पांचवा पिलर है।

कुरियन बोले- व्हिसल ब्लोअर भी अब ब्लो नहीं कर रहे
कुरियन ने कहा कि व्हिसल ब्लोअर भी अब ब्लो नहीं कर रहे हैं। लगता है कि कोविड काल के बाद उनके लंग्स में दिक्कत आ गई है। इनके लंग्स खराब होने का ट्रेंड देश के लिए काफी खराब है। उन्होंने आगे कहा कि हमें खड़ा होना होगा। हमें एक दूसरे को सपोर्ट करना होगा। हमें बोलना होगा। हमें अलर्ट होना होगा और हमें देश में बचे चुनिंदा व्हिसल ब्लोअर्स का साथ देना। क्योंकि ये ही हमारी आखिरी उम्मीद है।

कुरियन समलैंगिक विवाह के 100% खिलाफ,
कुरियन अपने बयानों को लेकर पहले भी चर्चा में रहे हैं। उन्होंने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाले मामले को लेकर 2 जून 2023 को कहा था कि एक समलैंगिक जोड़े के बीच संबंध को यूनियन या एसोसिएशन कहा जा सकता है, लेकिन इसे कभी भी विवाह के साथ नहीं जोड़ा जा सकता। मैं इसके 100% खिलाफ हूं। विवाह मूल रूप से एक पुरुष और एक महिला के बीच का मिलन है। वहीं, समान-लिंग संबंध एक एसोसिएशन हो सकता है।

कुरियन जोसेफ 29 नवंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे।

कुरियन जोसेफ 29 नवंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे।

पूर्व CJI रंजन गोगोई के राज्यसभा नामांकन पर सवाल उठाया था
जस्टिस कुरियन जोसेफ ने साल 2020 में पूर्व CJI रंजन गोगोई के राज्यसभा में नामांकन पर भी हैरानी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि वे हैरान हैं कि जिस जज ने कभी न्यायपालिका की निष्पक्षता और आजादी के लिए ऐसा साहस दिखाया था, उन्होंने ही आजादी के सिद्धांत से समझौता कर लिया।

उन्होंने कहा था कि राज्यसभा नॉमिनेशन स्वीकार करके पूर्व सीजेआई ने न्यायपालिका की आजादी पर आम आदमी के यकीन को हिला दिया है और यह आजादी ही भारत के संविधान के मूल में हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना से लोगों के बीच ऐसी धारणा बन रही है कि न्यायपालिका में मौजूद न्यायाधीशों का एक धड़ा या तो निष्पक्ष नहीं रह गया है, या फिर भविष्य की योजनाओं पर काम कर रहा है।

कौन हैं रिटायर्ड जस्टिस कुरियन जोसेफ?
कुरियन जोसेफ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस रह चुके हैं। इससे पहले वह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और केरल हाईकोर्ट के जस्टिस रह चुके हैं। उनका जन्म 30 नवंबर 1953 को केरल के मंजपुरा गांव में हुआ है। वह 29 नवंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे।

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