29 मिनट पहले

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राष्ट्रपति महमूद अब्बास (बाएं) ने मोहम्मद मुस्तफा को नया प्रधानमंत्री नियुक्ति किया है। - Dainik Bhaskar

राष्ट्रपति महमूद अब्बास (बाएं) ने मोहम्मद मुस्तफा को नया प्रधानमंत्री नियुक्ति किया है।

मोहम्मद मुस्तफा फिलिस्तीन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। प्रेसिडेंट महमूद अब्बास ने उन्हें नया PM नियुक्ति किया है। यह नियुक्ति पूर्व प्रधानमंत्री मोहम्मद सातायेह समेत पूरी सरकार के इस्तीफे के 18 दिन बाद हुई है।

दरअसल, फिलिस्तीन अथॉरिटी का राष्ट्रपति ही राज्य का प्रमुख होता है। राष्ट्रपति का चुनाव वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में लोकतांत्रिक रूप से होता है। मौजूदा राष्ट्रपति महमूद अब्बास हैं। वह 2005 से फिलिस्तीन अथॉरिटी की अगुआई कर रहे हैं। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है, जो सरकार बनाने के लिए जिम्मेदार होता है। PM की नियुक्ति राष्ट्रपति के मन मुताबिक होती है। इसके लिए संसद के अप्रूवल की जरूरत होती है।

मोहम्मद सातायेह मार्च 2019 में फिलिस्तीनी अथॉरिटी के प्रधानमंत्री बने थे।

मोहम्मद सातायेह मार्च 2019 में फिलिस्तीनी अथॉरिटी के प्रधानमंत्री बने थे।

आर्थिक मामलों के सलाहकार रह चुके हैं मुस्तफा
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, गाजा पर 2014 में हुए इजराइल हमले के बाद मुस्तफा ने गाजा में पुनर्निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। वो फिलिस्तीनी अथॉरिटी के आर्थिक मामलों के सलाहकार रह चुके हैं। वो फिलिस्तीन इनवेस्टमेंट फंड के बोर्ड मेंबर भी थे। इसके अलावा वो वर्ल्ड बैंक में सिनियर पोजिशन पर भी काम कर चुके हैं। PM बनाए जाने के बाद मुस्तफा का पहला काम होगा मंत्रिमंडल तय करना।

गाजा के हालात गंभीर इसलिए पूर्व PM ने इस्तीफा दिया था
कतर के मीडिया हाउस ‘अल जजीरा’ के मुताबिक प्रधानमंत्री मोहम्मद सातायेह ने 26 फरवरी को इस्तीफा दिया था। कहा था- गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी भूख से तड़प रहे हैं। वहां लगातार इजराइली हमले हो रहे हैं। वेस्ट बैंक और यरुशलम में भी हिंसा बढ़ रही है। इसे देखते हुए मैंने इस्तीफा राष्ट्रपति महमूद अब्बास को सौंपा।

7 अक्टूबर 2023 के बाद से इजराइली सेना लगातार गाजा में हमले कर रही है। गाजा में 31 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है।

7 अक्टूबर 2023 के बाद से इजराइली सेना लगातार गाजा में हमले कर रही है। गाजा में 31 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है।

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा- इस्तीफे की वजह अमेरिकी दबाव था
अल जजीरा के मुताबिक, मोहम्मद सातायेह का इस्तीफा ऐसे समय हुआ जब अमेरिका प्रेसिडेंट अब्बास पर फिलिस्तीन में नया पॉलिटिकल स्ट्रक्चर बनाने का दबाव बना रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल-हमास जंग खत्म होने के बाद फिलिस्तीन राज्य की स्थापना होगी। इस राज्य पर किसका शासन होगा, अमेरिका इसको लेकर इजराइल और फिलिस्तीनी अथॉरिटी से बात कर रहा है। अमेरिका का कहना है कि यहां शासन के लिए नया पॉलिटिकल स्ट्रक्चर बनाया जाना चाहिए।

फिलिस्तीनी अथॉरिटी को समझें
फिलिस्तीनी अथॉरिटी (PA) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिलिस्तीनी क्षेत्रों में गवर्निंग बॉडी के रूप में मान्यता हासिल है। PA का नेतृत्व फिलिस्तीनी राष्ट्रपति करते हैं और इसकी एक लेजिस्लेटिव बॉडी है, जिसे फिलिस्तीन लेजिस्लेटिव काउंसिल कहा जाता है।

फिलिस्तीन में दो बड़ी पार्टियां हैं, जिनमें एक हमास और दूसरा फतह है। हमास एक हथियारबंद संगठन है और 2007 से हमास गाजा पट्टी में शासन कर रहा है। वहीं, फतह की अगुआई वाले फिलिस्तीन अथॉरिटी का वेस्ट बैंक और यरुशलम में शासन चलता है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल है।

फिलिस्तीन अथॉरिटी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व करता है। फिलिस्तीन में राजनीतिक व्यवस्था फिलिस्तीनी अथॉरिटी के तहत चलती है। फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) और इजराइल के बीच ओस्लो समझौते के बाद 1994 में PA को एक इंटरिम एडमिनिस्ट्रेटिव बॉडी के रूप में स्थापित किया गया था।

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