मुख्यमंत्री ने “अपना एजेंडा चलाने के लिए लोगों में दहशत पैदा करने” के लिए हाल के दिनों में उभरे “नए समूहों” की भी निंदा की और कुकी-ज़ो समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) की ओर इशारा किया, जिसके दो दिन बाद पहाड़ी जिले चुराचांदपुर में प्रदर्शनकारियों ने अपने समुदाय के एक हेड कांस्टेबल के निलंबन पर सरकारी कार्यालय भवनों में आग लगा दी.

हेड कांस्टेबल सियामलालपॉल को इस आरोप में निलंबित कर दिया गया था कि वह एक सशस्त्र समूह को प्रशिक्षण दे रहा था, जो खुद को “ग्राम रक्षा स्वयंसेवक” कहते हैं.

पहाड़ी बंकर पर उनकी सेल्फी और एक वीडियो, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, में सैन्य-ग्रेड असॉल्ट राइफलों से लैस युवाओं के दृश्य भी थे, जिनमें से कुछ साइलेंसर और स्कोप जैसे अटैचमेंट के साथ थे; स्नाइपर राइफलें, और यहां तक कि जर्मन मूल की MP5 जैसी सबमशीन बंदूकें भी शामिल थीं.

 सिंह ने शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “कुछ वर्ग के लोग और सुरक्षा बल ‘बफ़र ज़ोन’ शब्द का उपयोग करते हैं. लेकिन राज्य सरकार के गृह विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ‘बफ़र ज़ोन’ जैसी कोई चीज़ नहीं है, जो आमतौर पर दो देशों से जुड़ी स्थितियों में देखी जाती है.”

उन्होंने कहा, “कुछ संवेदनशील क्षेत्र हैं, कुछ हॉटस्पॉट हैं जहां अधिक हिंसा की आशंका है. ऐसे क्षेत्रों में सुरक्षा बल काम कर रहे हैं यह एक अलग मामला है. लेकिन कुछ लोग ‘आप यहां या वहां प्रवेश नहीं कर सकते’ या एक निश्चित क्षेत्र से परे जैसी बातें फैला रहे हैं, यह गलत है . कोई ‘बफ़र ज़ोन’ नहीं है,”

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने एक विशेष अर्धसैनिक बल को यह कहते हुए सुना है कि फलां क्षेत्र ‘बफर जोन’ है. मैं तुरंत स्पष्ट करना चाहूंगा कि राज्य सरकार के लिए ‘बफर जोन’ जैसा कुछ नहीं है. किसी भी समय, कहीं भी, कोई भी सुरक्षा बल खतरों से निपटने के लिए पूरे मणिपुर में काम कर सकता है.

चुराचांदपुर हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए : बीरेन सिंह


मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि पूर्वी इंफाल जिले के चिंगारेल में इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) की चौकी से हथियारों की लूट और कांस्टेबल को निलंबित करने के बाद चूराचांदपुर में हुई हिंसा की घटना की दो अलग-अलग मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी. सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि लोगों की जान और संपत्ति की रक्षा करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है.

उन्होंने अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया और चुराचांदपुर के पुलिस अधीक्षक द्वारा एक कांस्टेबल को निलंबित करने के बाद उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त की. सिंह ने चुराचांदपुर हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.

सिंह ने कहा, ‘‘हम चुराचांदपुर में दो लोगों और मंगलवार को मणिपुर पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय से हथियार लूटने के प्रयास के दौरान एक व्यक्ति की मौत पर शोक व्यक्त करते हैं. हालांकि हम इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं.”

सिंह ने चुराचांदपुर जिला स्थित आदिवासी जनजातीय नेता मंच द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को दी गई धमकी की भी निंदा की.

दो दिन पहले एक कांस्टेबल के निलंबन के विरोध में भीड़ के लघु-सचिवालय में घुसने और सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प में दो लोगों की मौत के बाद ‘इंडिजेनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) की ओर से ‘पूर्ण बंद’ के आह्वान पर चुराचांदपुर जिले में शुक्रवार को आम जन-जीवन प्रभावित रहा.

यं भी पढ़ें- इसरो चंद्रयान-4 मिशन पर ‘आंतरिक’ चर्चा कर रहा : एस. सोमनाथ

यं भी पढ़ें- अदालत ने ईडी के समन से जुड़े मामले में अरविंद केजरीवाल को शनिवार को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here