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  • Somwati Amawasya On eighth April, Somwar, Amawasya And Photo voltaic Eclipse On eighth April, Non secular Ideas About Photo voltaic Eclipse

5 घंटे पहले

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सोमवार, 8 अप्रैल को चैत्र मास की अमावस्या पर सूर्य ग्रहण हो रहा है। भारतीय समय अनुसार 8 और 9 अप्रैल के बीच रात में सूर्य ग्रहण होगा। ये ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इस वजह से सूतक भी नहीं रहेगा। सोमवार, अमावस्या और सूर्य ग्रहण का योग धर्म-कर्म के नजरिए से बहुत खास है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, 8 अप्रैल का ग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात 9.12 बजे शुरू होगा और 2.22 बजे खत्म होगा। ये ग्रहण अमेरिका, ग्रीन लैंड, मैक्सिको, कनाडा आदि देशों में दिखाई देगा। अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।

सोमवती अमावस्या पर कर सकते हैं ये शुभ काम

  • जब सोमवार को अमावस्या होती है तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इसका धार्मिक महत्व काफी अधिक है। इस दिन की शुरुआत सूर्य पूजा से करेंगे तो बहुत शुभ रहेगा।
  • सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। लोटे में जल के साथ ही लाल फूल और चावल भी डालें, इसके बाद ऊँ सूर्याय नम: बोलते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें।
  • अमावस्या पर गंगा, शिप्रा, यमुना, नर्मदा जैसी सभी पवित्र नदियों में स्नान करने की भी परपंरा है। अपने शहर में या शहर के आसपास कोई नदी हो तो वहां स्नान कर सकते हैं। अगर नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान करते समय सभी तीर्थों का और पवित्र नदियों का ध्यान करना चाहिए।
  • स्नान के बाद नदी किनारे जरूरतमंद लोगों को धन और भोजन का दान करें। नदी किनारे नहीं जा पा रहे हैं तो घर के बाहर ही दान-पुण्य करें।
  • अमावस्या पर अपने इष्टदेव की विशेष पूजा जरूर करें। किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें।
  • शिवलिंग पर जल-दूध चढ़ाकर अभिषेक करें। चंदन का लेप करें। बिल्व पत्र, धतूरा, हार-फूल चढ़ाएं। मिठाई का भोग लगाएं। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करते हुए धूप-दीप जलाएं और आरती करें।
  • अमावस्या महालक्ष्मी की विशेष पूजा करनी चाहिए, क्योंकि अमावस्या तिथि पर ही देवी समुद्र से प्रकट हुई थीं। देवी लक्ष्मी और विष्णु जी का अभिषेक केसर मिश्रित दूध से करें। तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। धूप-दीप जलाएं।
  • हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें। राम-नाम का जप करें।

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