नई दिल्ली18 घंटे पहलेलेखक: संजय सिन्हा
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बिहार के बेगूसराय के एक गांव में 7 और 9 साल की दो बच्चियां होली के दिन कुछ सामान खरीदने घर से बाहर गईं। लौटते समय रास्ते में एक स्कूल के कैंपस में झूला झूलने लगीं।
तभी गांव का ही एक व्यक्ति नशे में धुत होकर पहुंचा। उसने दोनों लड़कियों को पकड़ लिया। 7 साल की लड़की के साथ उसने रेप किया।
दूसरी बच्ची से भी रेप की कोशिश की लेकिन वह आरोपी को दांत काट कर भाग निकली। घटना पिछले साल की है।
होली रंगों से सराबोर होने, मस्ती, खुशियों का त्योहार जहां कोई गिला-शिकवा नहीं रहता।
बिना पूछे किसी को रंग लगाकर हम अक्सर कहते हैं ‘बुरा न मानो होली है’।
लेकिन कई बार होली की आड़ में महिलाओं के साथ बदसलूकी होती है, रंग लगाने के बहाने बुरी हरकत होती है।
विदेशी महिला को जबरन रंग लगाया, सिर पर अंडे फोड़े
होली के दिन महिलाओं से छेड़छाड़ की कई घटनाएं होती हैं। जिन्हें महिलाएं जानती भी नहीं हैं वो भी जबरन रंग लगाने, शरीर को इधर-उधर छूने का कोई मौका नहीं गंवाते।
दिल्ली के पहाड़गंज में पिछले साल जापान की एक महिला के साथ हुड़दंगियों ने सरेराह बदसलूकी की। महिला भारत में होली का त्योहार देखने आई थी।
कम उम्र के लड़कों ने उसे पकड़ कर रंग लगाया, उसके सिर पर अंडे फोड़े। महिला किसी तरह उनके चंगुल से बाहर निकल पाई। इस घटना से जुड़ी वीडियो वायरल हुई तब पुलिस ने सभी हुड़दंगियों को पकड़ा।
होली को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है।
बैलून में सीमेन भर लड़कियों पर फेंका
2018 में दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने सोशल मीडिया पर बताया था कि वह अपने दोस्त के साथ लंच करने अमर कॉलोनी मार्केट गई थी। वहां से रिक्शा से लौट रही थी तभी किसी ने बैलून फेंक कर मारा।
बैलून फटने के बाद कपड़े पर लिक्विड फैल गया। जब घर पर पहुंची तो पता चला कि कपड़े पर पसरा लिक्विड सीमेन है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की कई और छात्राओं की शिकायत थी कि होली के दौरान उन्हें भी ऐसी परेशानियों से सामना करना पड़ा है। ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन को होली पर हर साल अलर्ट मोड पर रहना होता है।
इस बार 25 मार्च को होली थी दिल्ली यूनिवर्सिटी ने नॉर्थ और साउथ कैंपस दोनों के लिए जॉइंट कंट्रोल रूम बनाया था।
डीयू कैंपस, होस्टल और कॉलेजों में स्टूडेंट्स और स्टाफ की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं। होली को लेकर 24 घंटे कैंपस में पैट्रोलिंग की व्यवस्था की गई है।
होली में मर्दों के लिए होती सड़कें-गलियां, महिलाओं घरों में कैद होती
घर के छत से अनजान लोगों पर रंग फेंकना, कीचड़ लगाना, अंडे फेंक कर मारना जैसी घटनाएं होली में आम हैं।
दिल्ली के लक्ष्मीनगर की रहनेवाली आशा डोमेस्टिक हेल्प का काम करती हैं। उन्हें कई घरों में काम करने के लिए जाना होता है।
होली के दिन एक बार वह काम कर लौट रही थीं तब उन्हें एक अनजान व्यक्ति ने पीछे से पकड़ लिया, जबरन रंग लगाया। विरोध के बावजूद उसने शरीर को गलत तरीके से छुआ। इस घटना के बाद वह होली में घर से बाहर नहीं निकलतीं।
पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. अमीर सुलताना कहती हैं कि होली एक सामुदायिक पर्व है जहां लोग मिलजुल कर त्योहार मनाते हैं।
हालांकि यह सच है कि होली में हुड़दंग करने वाले लोग कई बार अपनी हद को लांघ जाते हैं। सड़कों-गलियों में मर्द दिखते हैं जबकि महिलाएं घरों में कैद हो जाती हैं।
होली में एक तरह से पुरुषों को सड़कों पर रहने की छूट होती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि वे अकेले नहीं होते बल्कि ग्रुप में होते हैं। ग्रुप में होने के कारण महिलाओं से छेड़खानी, जबरन रंग लगाने, शरीर छूने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
दिल्ली पुलिस ने ड्रंक एंड ड्राइव को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
नशे में धुत होकर लोग होली का रंग करते बदरंग
दिल्ली में पिछले साल 8 मार्च यानी महिला दिवस को होली मनाई गई थी। होली के दिन से एक सप्ताह पहले दिल्ली में लोगों ने 238 करोड़ की शराब खरीदी। 1 करोड़ 13 लाख शराब की बोतलें बिकीं। अकेले 6 मार्च 2023 को दिल्ली में 26 लाख शराब की बोतलें बिकी।
दिल्ली से 650 किमी दूर प्रयागराज में होली के तीन दिनों में 13 करोड़ की शराब बिकी, जिसमें 9 करोड़ की शराब ग्रामीण इलाके में बिकी।
राजस्थान में होली के मौके पर लोग 113 करोड़ की शराब गटक गए। देश में कई शहरों में यही स्थिति रही।
होली के दौरान होने वाले क्राइम का एक बड़ा कारण शराब है। डॉ. अमीर सुलताना कहती हैं कि शराब पीने, भांग खाने और दूसरे नशा करने से होली का रंग बदरंग हो जाता है। होली के दिन छेड़खानी, रेप जैसी घटनाएं शराब के कारण होती हैं।
होली के दिन ड्रंक एंड ड्राइव की घटनाएं आम होती हैं। मुंबई में होली के दौरान ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के जुर्म में 11,000 चालान काटे गए।
जबकि 120 लोगों को शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में पकड़ा गया।
दिल्ली में होली पर 7,643 चालान काटे गए इसमें से 559 को शराब पीकर गाड़ी चलाते पकड़ा गया। होली में सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण शराब पीकर गाड़ी चलाना है।
होली पर शराब पीने की वजह से लड़ाई-झगड़ा आम है। बिहार में शराबबंदी के बावजूद कई बार शराब पीकर आपस में मारपीट की घटनाएं होती हैं।
2021 में होली पर बिहार में 41 लोगों की मृत्यु हुई थी। कई लोग होली को आपसी दुश्मनी निकालने के अवसर के रूप में देखते हैं।
फूहड़, अश्लील गाने से महिलाएं झेलती शर्मिंदगी
‘भिज जाला लहंगा’, ‘देवर पर रहब होली में’, ‘ना ए जीजा 2.0’, ‘चोलिया छोट लइल ए पहुना’, ‘रोमिंग में शरीर बा’, ‘होली में गोड़ लागे देवरा’ जैसे भोजपुरी गाने इस बार भी यूट्यूब पर देखने को मिल जाएंगे।
इनमें से कई गाने अपने कई मिलियन व्यूज होने का दावा करते हैं। शिल्पी राज और अरविंद अकेला के गाने ‘देवर पर रहब होली में’ को 40 मिलियन व्यूज मिल चुके हैं। ऐसे हर गाने को कई मिलियन व्यूज मिलते हैं।
होली में ये गाने खुलेआम डीजे में चौक-चौराहों पर बजाए जाते हैं जिसमें केवल महिलाओं के शरीर को टारगेट किया जाता है।
डॉ. सुलताना कहती हैं कि होली के मौके पर कई रिश्तों को शर्मसार किया जाता है। देवर-भाभी, जीजा-साली के रिश्ते को तो जैसे ताक पर रख दिया जाता है। भोजपुरी गाने इस तरह के फूहड़ और अश्लील गानों के लिए कुख्यात है। ये पोर्न गीत हैं।
बिहार के रहनेवाले फिल्ममेकर अभिनव ठाकुर कहते हैं कि होली में छेड़छाड़, महिलाओं से अभद्रता, गंदी हरकत जैसी घटनाएं आम हैं लेकिन गीतों के जरिए महिलाओं को शर्मसार किया जाता है। होली के कुछ दिन पहले से ही ऑटो, बस में आपको ऐसे फूहड़ गाने सुनने को मिल जाएंगे।