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  • The Look Of The Shirt Modified, Bralette Grew to become The First Selection

नई दिल्ली14 मिनट पहलेलेखक: ऐश्वर्या शर्मा

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साड़ी भारत की पहचान है। जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर राज्य, हर जिले, हर शहर और हर कस्बे में महिलाएं साड़ी पहने नजर आती हैं, बस पहनने का स्टाइल अलग-अलग है। जब से सोशल मीडिया का क्रेज बढ़ा है, तब से साड़ी और नए-नए अंदाज में ड्रेप होने लगी।

रता कपूर चिश्ती की लिखी किताब Sari: Custom and Past के अनुसार भारत में 108 से ज्यादा तरीकों से साड़ी पहनी जाती है।

लेकिन आज के मॉडर्न जमाने में साड़ी से ब्लाउज लगभग गायब हो चुका है जबकि एक जमाना था जब ब्लाउज के बिना साड़ी को अधूरा माना जाता था। आज अधिकतर बॉलीवुड एक्ट्रेस साड़ी तो पहनती हैं लेकिन पारंपरिक तौर पर पहने जाने वाला ब्लाउज उनकी स्टाइलिंग का हिस्सा नहीं होता।

दीपिका पादुकोण, कियारा अडवाणी, आलिया भट्‌ट, कटरीना कैफ जैसी एक्ट्रेस ने साड़ी के साथ ब्रालेट पहनने का ट्रेंड शुरू किया। यही वजह है कि आज की मॉडर्न ब्राइड को लहंगे के साथ लंबी स्लीव्स और नाभि तक की लंबाई के ब्लाउज पसंद नहीं आते।

यही नहीं, एनिवर्सिरी, बर्थडे पार्टी, गेट टुगेदर…हर ओकेजन पर अब महिलाएं ब्लाउज की जगह ब्रालेट ही पहनने लगी हैं।

ब्रा नहीं है ब्रालेट

कुछ महिलाएं ब्रा और ब्रालेट में कन्फ्यूज रहती हैं। फैशन डिजाइनर भावना जिंदल कहती हैं कि ‘ब्रालेट’ का मतलब ‘ब्रा’ बिल्कुल नहीं है। यह गारमेंट मल्टीपर्पज है जो कई ड्रेसेज के साथ पेयर अप किया जाता है। ब्रालेट को क्रॉप टॉप की कैटेगरी में रखा जाता है।

ब्रा ब्रेस्ट को सपोर्ट देने के लिए बनाई जाती है जिसके अलग-अलग कप साइज होते हैं। ब्रा A,B,C कप साइज में बंटी होती है।

जबकि ब्रालेट ब्रालेट लाइट फैब्रिक से बनती हैं। इसमें लाइट पैड होता है। यह कई डिजाइन और पैटर्न्ज के साथ फ्लेक्सिबल साइज में बन सकती हैं। इसमें स्मॉल, मीडियम, लार्ज या XL, XXL, XXXL साइज भी मिलता है। चूंकि इसका फैब्रिक हल्का होता है इसलिए गर्मी के मौसम में साड़ी के साथ ये परफेक्ट चॉइस है।

कियारा आडवाणी ने साड़ी के साथ ब्रालेट को पेयर किया।

कियारा आडवाणी ने साड़ी के साथ ब्रालेट को पेयर किया।

स्लिम लुक दे लेस ब्रालेट

ब्रालेट साड़ी पर कमाल दिखती हैं। लेस ब्रालेट स्किन फ्रेंडली होने के साथ ही सुपर कंफर्टेबल है। इसमें हुक भी होते हैं जो साइज के हिसाब से एडजस्ट किए जा सकते हैं। लेस ब्रालेट में ब्रेस्ट पूरी तरह कवर रहती है। ब्लाउज की जगह लेस ब्रालेट पहनी जाए तो बॉडी स्लिम लुक देती है।

पॉली कॉटन ब्रालेट साड़ी के साथ परफेक्ट

पॉलीकॉटन ब्रालेट का लेआउट ब्लाउज जैसा होता है। लहंगे और शिफॉन की साड़ी के साथ पहनने पर ग्लैमरस लुक मिलता है। कॉटन फैब्रिक होने से इसमें पसीना नहीं आता और स्किन से जुड़ी कोई परेशानी भी नहीं उठानी पड़ती।

फुल कवरेज ब्रालेट भी ब्‍लाउज की तरह दिखती हैं। ये हैवी ब्रेस्ट वाली वुमन के लिए परफेक्ट स्टाइल स्टेटमेंट का काम करती हैं। ऐसे ब्रालेट की नेकलाइन डीप नहीं होती।

सेलेब्स जैसे लुक के लिए स्ट्रैपलैस ब्रालेट

अधिकतर बॉलीवुड एक्ट्रेस स्ट्रैपलैस ब्रालेट पहनना पसंद करती हैं। इसमें स्ट्रैप्स नहीं होते। यह ट्यूबटॉप जैसी दिखती हैं। बोल्ड लुक के लिए इस ब्रालेट को शिमरी या हैवी वर्क साड़ी के साथ पहना जा सकता है। कॉकटेल पार्टी में साड़ी के साथ पहने जाने पर यह ब्रालेट लुक में ग्लैमर भरती है।

‘पठान’ फिल्म के गाने ‘बेशर्म रंग’ में जब दीपिका पादुकोण ने यह ब्रालेट पहनी तो इसकी पॉपुलैरिटी और बढ़ गई। स्ट्रैपलेस ब्रालेट मिडियम ब्रेस्ट साइज पर सबसे ज्यादा फबती है।

कान्स फिल्म फेस्टिवल में दीपिका पादुकोण ने स्ट्रैपलैस ब्रालेट के साथ साड़ी पहनी।

कान्स फिल्म फेस्टिवल में दीपिका पादुकोण ने स्ट्रैपलैस ब्रालेट के साथ साड़ी पहनी।

छोटे कंधे वाली महिलाओं के लिए प्‍लीटेड ब्रालेट

प्लीटेड ब्रालेट लहंगे के साथ-साथ रफल साड़ी पर सूट करती हैं। स्कायर नेक की प्लीटिड ब्रालेट शोल्डर्स को ब्रॉड लुक देती है।

वहीं, हॉल्टर प्लीटिड ब्रालेट से भी यह लुक मिलता है। जिन महिलाओं के कंधे छोटे हैं वह इस ब्रालेट के जरिए अपना लुक चेंज कर सकती हैं।

वहीं, जिन महिलाओं की बस्ट लाइन हैवी नहीं होती और हाइट भी छोटी होती है, उन्हें डीप नेक, वी नेक या स्कूप नेक का जॉ ड्रॉपिंग ब्रालेट पहनना चाहिए। इससे उनकी हाइट लंबी लगेगी।

वहीं, लॉन्ग लाइन ब्रालेट ब्लाउज के लेंथ तक होती है। इससे स्किन भी ज्यादा शो नहीं होती।

हैवी ब्रेस्ट को भी सूट करती हैं ब्रालेट

एक बहुत बड़ा मिथक है कि ब्रालेट केवल कम बस्ट लाइन पर ही सूट करती हैं जबकि ऐसा नहीं है। हैवी ब्रेस्ट पर भी यह गार्मेंट जंचता है लेकिन इसकी डिजाइनिंग और सिलेक्शन बहुत सोच समझकर करना चाहिए।

जिन महिलाओं की हैवी ब्रेस्ट है, वह रेसरबैक, ट्राइंगल, लेसबैक, ब्लंज स्कूप, स्कूप, लॉगेविटी, लॉन्गलाइन कैमी ब्रालेट पहन सकती हैं। इससे उनकी हैवी ब्रेस्ट अच्छे से कवर अप हो जाती है और वह बिना किसी संकोच के स्टाइलिश लुक पा सकती हैं।

भारत में नहीं था साड़ी के साथ ब्लाउज पहनने का रिवाज

भारत में साड़ी के साथ ब्लाउज पहनने का चलन ब्रिटिश राज में शुरू हुआ। इससे पहले साड़ी बिना ब्लाउज के पहनी जाती थी। 1920 के दशक में पहली बार साड़ी के साथ ब्लाउज पहना गया। दरअसल विक्टोरिया युग में बिना ब्लाउज की ड्रेस को खराब माना जाता था। जब ब्रिटेन ने भारत को गुलाम बनाया तो अंग्रेजों ने ही साड़ी के साथ ब्लाउज पहनने का रिवाज शुरू कराया। उनके आने के बाद ब्रिटेन से ब्लाउज अच्छी खासी संख्या में इम्पोर्ट होने लगा।

ब्लाउज के पीछे एक और कहानी है। बंगाल के मशहूर कवि रविंद्रनाथ टैगोर के भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर की पत्नी जनंदानंदनी देबी को एक बार बिटिश क्लब में एंट्री नहीं दी गई क्योंकि उन्होंने केवल साड़ी से ही बॉडी के ऊपरी हिस्से को कवर किया हुआ था। इसके बाद उन्होंने ब्लाउज पहनना शुरू किया। भारत में ब्लाउज को पॉपुलर करने का श्रेय उनको दिया जाता है।

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