2 घंटे पहलेलेखक: कमला बडोनी
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जब दो लोग एक साथ जीवन बिताने का फैसला करते हैं तो दो परिवार भी आपस में जुड़ जाते हैं। कई नए रिश्ते भी जुड़ जाते हैं। दोनों के दोस्तों की भी आपस में दोस्ती हो जाती है। लेकिन जब यही दो लोग अलग होने के फैसला करते हैं रिश्ते पहले जैसे नहीं रहते।
चैट रूम में आज चर्चा एक ऐसे कपल की जहां पत्नी-पत्नी दोनों तलाक लेना चाहते हैं, लेकिन तलाक के प्रोसेस में एक दूसरे पर लगाए जाने वाले इल्जाम से बचना चाहते हैं। रिलेशनशिप काउंसलर डॉ. माधवी सेठ ने समस्या को समझा और सही उपाय बताया।
हम दोनों तलाक लेना चाहते हैं, लेकिन चाहते हैं कि अलग होने के बाद भी रिश्ते में डिग्निटी बनी रहे। एक दूसरे पर आरोप लगाने की बजाय हम शांति से अलग हो जाएं। क्या ऐसा संभव है?
अगर आप दोनों ये मानते हैं कि अब आप साथ नहीं रह सकते। दोनों ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश करके देख लिया। लेकिन रिश्ते में कोई सुधार नहीं आया, तो शांति से अलग हो जाना ही सबसे अच्छा विकल्प है। लेकिन ये बात आप दोनों को पता होनी चाहिए कि तलाक का फैसला स्त्री या पुरुष दोनों के लिए ही आसान नहीं होता।
अलग होने के शिष्टाचार
तलाक लेने के प्रोसेस में कई पति-पत्नी एक दूसरे पर झूठे इल्जाम तक लगा देते हैं। उन्हें लगता है कि अब तो रिश्ता खत्म हो चुका है तो मन की सारी भड़ास निकाल दी जाए। लेकिन ये अलग होने के शिष्टाचार नहीं हैं।
आज आप उस इंसान से तलाक ले रही हैं जिसे कभी आपने अपना जीवनसाथी माना था। जिस पर अपना सारा प्यार लुटाया था। अलग होते समय उस प्यार का मान रखें। तलाक के प्रोसेस में मन में इतनी कड़वाहट न आने दें कि कल को जब कभी मुलाकात हो तो नजरें मिलाना मुश्किल हो जाए।
तलाक के बाद एक दूसरे को भुलाना इतना आसान नहीं है। इसलिए ऐसा कोई व्यवहार या हरकत ना करें जिसे याद कर कल को आपको शर्मिंदगी महसूस हो।
तलाक महंगा होता है
तलाक लेना सिर्फ दो लोगों का अलग हो जाना नहीं होता। तलाक के कारण दो परिवारों का आर्थिक, मानसिक और भावनात्मक नुकसान बहुत भारी मात्रा में होता है। इसमें धन का, रिश्तों का, बच्चों का, सोशल स्टेटस… बहुत सारे नुकसान एक साथ होते हैं। इसीलिए कानून भी तलाक लेने से पहले इस पर फिर से विचार करने को कहता है।
खुशी की एक्टिंग असल खुशी नहीं
कई लोग तलाक के बाद खुद को खुश दिखाने की झूठी एक्टिंग करते हैं, ताकि वो अपने फैसले की सही साबित कर सकें। लेकिन दूसरों के सामने खुश होने की एक्टिंग करने की क्या जरूरत, जब आप मन से खुश नहीं हैं। आप भले ही सोशल मीडिया पर अपने हैप्पी मूड की फोटोज शेयर करें, लेकिन इससे आपकी हेल्थ में सुधार नहीं होगा, आपका तनाव कम नहीं होगा।
तलाक के परिणाम
तलाक के बाद आपको किन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा इसके बारे में पहले ही सोच लें ताकि आप इसके लिए खुद को तैयार कर सकें। तलाक शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक स्वास्थ्य पर गहरा असर होता है। पारिवारिक और सोशल स्टेटस पर भी इसका असर पड़ता है। ऐसे में कई बार खुद को संभालना मुश्किल हो जाता है। अगर आप पहले से इन स्थितियों के लिए तैयार हैं तो आप पर इसका असर कम होगा।
बच्चों के मन में कड़वाहट न आने दें
पेरेंट्स के तलाक के बाद बच्चों का बहुत नुकसान होता है। बच्चों को समझ नहीं आता कि किसे सही मानें और किसे गलत। कई पेरेंट्स बच्चों को अपने पार्टनर के खिलाफ भड़काते हैं। इसका बच्चों के मासूम मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उनका शादी के रिश्ते पर से विश्वास उठ जाता है। ऐसे बच्चे बड़े होकर शादी के लिए किसी पर जल्दी विश्वास नहीं कर पाते।
परिवार और दोस्तों को न बांटें
पति-पत्नी के अलग होने पर परिवार वालों, रिश्तेदारों और दोस्तों को समझ नहीं आता कि किसके साथ रिश्ता रखें और किसके साथ खत्म करें। कई कपल जान बूझकर परिवार वालों, रिश्तेदारों और दोस्तों के सामने ये कंडीशन रखते हैं कि वो पति-पत्नी में से किसी एक के साथ ही रिश्ता रख सकते हैं, दोनों के साथ नहीं। लेकिन ऐसा करना सही नहीं है। परिवार वालों, रिश्तेदारों और दोस्तों को अपने सेपरेशन का शिकार न बनाएं। उन्हें ये छूट दें कि वो जब चाहें पति-पत्नी दोनों में से किसी से भी बात कर सकते हैं।
अगर दो लोग बहुत कोशिशें कर लेने के बावजूद भी साथ नहीं रह पा रहे हैं, तो अलग हो जाने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन तलाक के प्रोसेस में एक दूसरे को बुरा साबित करने की बजाय आपसी सहमति से शांति से अलग हो जाना सेपरेशन का सबसे सही शिष्टाचार है।
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मार खाकर रिश्ता निभाना कोई समझदारी नहीं है। पति-पत्नी ही नहीं, किसी को भी किसी पर हाथ उठाने का अधिकार नहीं है। कई घरों में महिलाएं चुपचाप पति की मार खाती हैं, लेकिन ये बात घर से बाहर नहीं निकलती। पढ़ी-लिखी महिलाएं भी पति से पिटती हैं, लेकिन इसके बारे में किसी से बात नहीं करतीं। उन्हें अपनी प्रेस्टीज की चिंता रहती है, लेकिन इसे बढ़ावा देकर कई बार वो अपने लिए मुसीबत मोल ले लेती हैं। फिर जब पति किसी के सामने हाथ उठाता है तो भेद खुल ही जाता है। तब उनके लिए इसे बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है।
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उससे भी बड़ी विडंबना ये है कि ज्यादातर महिलाएं खुद अपने शरीर में होने वाले इन बदलावों के बारे में नहीं जानतीं। उन्हें नहीं पता होता कि ये गुस्सा या चिड़चिड़ाहट पीएमएस की वजह से है।
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