नई दिल्ली11 घंटे पहलेलेखक: मरजिया जाफर

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किचन में काम करते वक्त या खाना बानते समय हाथ जल ही जाता है। ऐसा अक्सर ही होता है। ‘जान जहान’ में जल जाने पर रसोई में ही मौजूद कुछ चीजों से इलाज की टिप्स दी जा रही है। किसी भी वजह से जल गए हैं तो इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।

जलने को तीन तरह से देखा जाता है। फर्स्ट डिग्री बर्न इसमें सिर्फ स्किन की ऊपरी परत जलती है, जिससे स्किन लाल हो जाती है और सूजन के साथ दर्द होता है। सेकंड डिग्री बर्न इसमें स्किन की बाहरी और उसके ठीक नीचे की परत जलती है। साथ में स्किन लाल हो जाती है, फफोले पड़ जाते हैं और सूजन के साथ दर्द भी होता है। थर्ड डिग्री बर्न इसमें त्वचा की अंदरूनी परत तक जल जाती है। इससे फफोले पड़ जाते हैं, जिससे त्वचा सफेद या काली हो जाती है। इस वजह से त्वचा सुन्न भी पड़ सकती है। इनके अलावा जलने के दो प्रकार और हैं। माइनर बर्न जो शरीर के किसी भी भाग पर जल सकता है। शरीर के किसी भी भाग पर दो-तीन इंच से कम जलना सेकंड डिग्री बर्न है। मेजर बर्न में थर्ड डिग्री बर्न आता है। इसमें शरीर के किसी भी हिस्से पर करीब दो से तीन इंच से ज्यादा सेकंड डिग्री बर्न होता है।

जलने पर राहत पाने के लिए घरेलू इलाज

जलने पर घरेलू उपचार या पुराने जले का इलाज किया जा सकता है। ये घरेलू उपचार जलने की वजह से पड़ने वाले फफोलों और सूजन से आराम दिला सकते हैं।

लैवेंडर ऑयल की दो से तीन बूंदें

लैवेंडर ऑयल को जलने के इजाज के लिए असरदार माना जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम और जख्म को भरने का काम करते हैं। रूई की मदद से लैवेंडर ऑयल को शरीर के जले हुए हिस्से पर लगाएं। जब तक पूरी तरह से आराम न मिल जाए तब तक इसे दिन में दो से तीन बार लगा सकते हैं।

टी ट्री ऑयल की दो से तीन बूंद

जलने पर टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो घाव को जल्दी भरने में मदद करते हैं। साथ ही यह एंटी इंफ्लेमेटरी गुण से भी समृद्ध होता है, जो सूजन को कम करने में काफी हद तक मदद कर सकता है। रूई की मदद से टी ट्री ऑयल को प्रभावित हिस्से पर लगाएं। पूरी तरह से आराम न मिल जाने तक इसे दिन में दो बार लगा सकते हैं।

यूकेलिप्टस ऑयल दो से तीन बूंद

यूकेलिप्टस ऑयल के गुण जलने का इलाज करने में फायदेमंद हैं। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन से आराम दिलाते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो जले हुए जख्म को कीटाणुओं से बचाकर और घाव को जल्दी भरने का काम करते हैं। रूई के फाए से यूकेलिप्टस ऑयल को जले हुए हिस्से पर लगाएं।

चम्मच एलोवेरा जेल ठंडक दे

जली हुई स्किन को ठीक करने में एलोवेरा सीधे तौर पर काम करता है। साथ ही एलोवेरा में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण सूजन और एंटीसेप्टिक गुण जख्म को जल्दी भरने में मदद करते हैं। एलोवेरा जेल को अच्छी तरह जले हुए हिस्से पर लगाएं। इस प्रक्रिया को दिन में दो से तीन बार दोहरा सकते हैं।

शहद की शीतलता राहत दे

त्वचा का जलना ऑक्सीडेटिव इंजरी है और वहां फ्री रेडिकल्स का प्रभाव बढ़ जाता है, जो घाव के दाग का कारण बनते हैं। शहद में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं। साथ ही, जली हुई त्वचा पर शहद के इस्तेमाल से दर्द और जलन में आराम मिलता है और घाव को जल्दी भरने में मदद मिलती है। शहद को जली हुई त्वचा पर लगाएं। इस उपाय को दिन में कम से कम तीन बार करें।

टूथपेस्ट से भी मिलेगी राहत

जलने पर टूथपेस्ट का इस्तेमाल फायदेमंद है। जलने से राहत पाने के लिए टूथपेस्ट बेहतरीन ऑप्शन है। इसके साथ ही यह जख्म को बढ़ाने से काफी हद तक रोकता है।

दो से तीन टी बैग

चाय में टैनिन एसिड नाम का तत्व पाया जाता है, जो जलने पर घाव को जल्दी भरने में मदद करता है और घाव के निशान को पड़ने से भी रोक सकता है। साथ ही यह दर्द को कम कर सकता है और इंफेक्शन से बचाता है। चाय बनाने के बाद टी बैग को न फेकें। इन्हें ठंडा कर लें और फिर जले हुए क्षेत्र पर लगाएं। चाहें तो एक सफेद बैंडेज की मदद से टी बैग को जली हुई त्वचा पर बांध भी सकते हैं। ध्यान रखें कि बैंडेज को बहुत टाइट न बांधें।

बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा कुछ हद तक जलन को कम करने में मदद करता है। जलने के प्राथमिक उपचार में बेकिंग सोडा को उपयोगी माना जाता है। बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को जली हुई प्रभावित त्वचा पर लगाएं। इसको दिन में कम से कम तीन बार करें।

कोकोनट ऑयल

नारियल का तेल जख्म को इंफेक्शन से बचाकर उसे जल्द भरने में मदद करता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो घाव को जल्दी भरने में मदद करते हैं। अपनी उंगलियों की मदद से नारियल तेल को जली हुई त्वचा पर लगाएं। तेल को घाव में ऑब्जर्व होने दें। इससे दिन में दो से तीन बार कर सकते हैं।

विटामिन ई ऑयल

विटामिन ई तेल का इस्तेमाल जले हुए हिस्से पर इलाज के रूप में किया जा सकता है। विटामिन ई ऑयल में वुंड हीलिंग और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव पाया जाता है। ये प्रभाव जलने के घाव को भरने में तेजी से मदद करते हैं। जले हुए पर विटामिन ई तेल का लगाएं। रोजाना इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

एक चौथाई कप ठंडा दूध

दूध से बने मलहम जलने के घरेलू इलाज में बहुत कारगर है। यह सेल्स को बढ़ने में और जख्म को जल्द भरने में मदद करता है। यह इन्फ्लेमेशन को कम करके दाग नहीं पड़ने देता है। इस वजह से जलने के घाव, खासकर सेकंड डिग्री बर्न के घाव को ठीक करने में दूध असरदार तरीके से काम करता है।

जलने पर घरेलू इलाज किया जा सकता है। ये फफोलों और सूजन से आराम दिला सकते हैं।

जलने पर घरेलू इलाज किया जा सकता है। ये फफोलों और सूजन से आराम दिला सकते हैं।

एक बड़ा चम्मच ओटमील

ओटमील के एंटी इंफ्लेमेटरी गुण और एंटीइच गुण होते हैं, जो घाव पर हुई सूजन और खुजली को कम करने में मदद करते हैं। जलने की वजह से अक्सर त्वचा रूखी पड़ जाती है। इसके लिए ओटमील के एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं, जो जली हुई त्वचा का रूखापन और खुजली को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

एक बाउल पानी में कुछ देर के लिए एक बड़ा चम्मच ओटमील भिगोकर रख दें। कुछ देर बाद पानी को छान लें। इस पानी को रूई की मदद से प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। जब तक घोल सूख न जाए, तब तक रूई को घाव पर लगे रहने दें। बाद गुनगुने पानी में एंटीसेप्टिक लिक्विड की कुछ बूंदें मिलाकर घाव से रूई को निकाल लें।

एक चम्मच घी

शहद के साथ घी का इस्तेमाल करने से दोगुने फायदे हैं। घी में वूंड हीलिंग गुण होते हैं, जो घाव को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं। एक बाउल में दोनों सामग्रियों को अच्छी तरह मिला लें। घी को जली हुई त्वचा पर लगाएं। 15 मिनट के बाद धो लें।

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