स्पोर्ट्स डेस्क3 घंटे पहले

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हार्दिक पंड्या ने 2018 और क्रुणाल पंड्या ने 2022 के बाद से कोई रणजी मैच नहीं खेला। - Dainik Bhaskar

हार्दिक पंड्या ने 2018 और क्रुणाल पंड्या ने 2022 के बाद से कोई रणजी मैच नहीं खेला।

क्रिकेट की सबसे बड़ी लीग IPL (इंडियन प्रीमियर लीग) कल यानी 22 मार्च शुक्रवार से शुरू हो रही हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, IPL 2024 में हिस्सा लेने वाले 165 भारतीय क्रिकेटरों में से 56 प्लेयर्स ने रणजी ट्रॉफी में इस सीजन एक भी मैच नहीं खेला है। जबकि, 25 प्लेयर्स ने एक से ज्यादा मैच नहीं खेला। इसमें भारत के कई बड़े खिलाड़ी भी शामिल हैं।

हार्दिक- क्रुणाल ने बड़ौदा के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट नहीं खेला
मुंबई इंडियंस के नए कप्तान हार्दिक पंड्या और उनके भाई लखनऊ सुपरजायंट्स (LSG) के ऑलराउंडर क्रुणाल पंड्या कुछ समय से रणजी में बड़ौदा के लिए नहीं खेले हैं। हार्दिक ने आखिरी बार घरेलू टूर्नामेंट 2018 में खेला था।

बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अजीत लेले ने कहा, पंड्या ब्रदर्स ने हमें इसका कारण नहीं बताया है। जब वे उपलब्ध होते हैं तो वे कोच या एसोसिएशन प्रेसिडेंट से संपर्क करते हैं, लेकिन उन्होंने पिछले कुछ समय से रणजी नहीं खेला है। क्रुणाल ने इस सीजन में बड़ौदा के लिए वाइट बॉल क्रिकेट खेला और हार्दिक चोट से उबर रहे थे।

ईशान किशन ने रणजी से दूरी बनाई
भारत के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने कहा था कि झारखंड के ईशान किशन को भारत के लिए वापसी करने के लिए रणजी में खेलना चाहिए। हालांकि, झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सहाय ने कहा, ‘उन्होंने कभी भी खुद को रणजी के लिए उपलब्ध नहीं रखा। हमें कोच, सिलेक्टर्स या BCCI से कोई दिशानिर्देश नहीं मिले हैं।

ईशान किशन ने दिसंबर-2023 में साउथ अफ्रीका दौरे से अपना नाम वापस ले लिया था। तब से वे नेशनल और रणजी टीम सिलेक्शन के लिए उप्लब्ध नहीं रहे।

ईशान किशन ने दिसंबर-2023 में साउथ अफ्रीका दौरे से अपना नाम वापस ले लिया था। तब से वे नेशनल और रणजी टीम सिलेक्शन के लिए उप्लब्ध नहीं रहे।

BCCI ने दी थी प्लेयर्स को चेतावनी
पिछले महीने, BCCI ने भारतीय खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट के ऊपर IPL को प्राथमिकता देने के लिए वॉर्निंग दी थी। इस सीजन रणजी ट्रॉफी मैच न खेलने के कारण श्रेयस अय्यर और ईशान किशन सैंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर भी होना पड़ा।

BCCI सचिव जय शाह ने कहा था, हाल ही में एक कुछ ऐसी चीजें सामने आई है, जो चिंता की वजह है। कुछ खिलाड़ियों ने डोमेस्टिक क्रिकेट पर IPL को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है। यह एक ऐसा बदलाव है जिसकी उम्मीद नहीं थी। डोमेस्टिक क्रिकेट हमेशा वह आधार रहा है जिस पर भारतीय क्रिकेट खड़ा है।

फ्रेंचाइजी की बात मानते है प्लेयर
उमरान मलिक के IPL से सुर्खियां बटोरने के बाद, जम्मू-कश्मीर के दो अन्य तेज गेंदबाज, रसिख सलाम दर और युधवीर सिंह चरक को IPL के लिए चुना गया था। यह दोनों ही प्लेयर पूरे रणजी सीजन में नहीं खेल पाए।

जम्मू-कश्मीर इकाई के ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता ने कहा, रसिक ने कैंप में अपने टेंडन (मसल और जॉइंट) को घायल कर लिया, जबकि युद्धवीर को LSG से एक मेडिकल रिपोर्ट मिली जिसमें कहा गया था कि उसके कंधे में चोट है। हमारे फिजियो ने उनकी जांच भी नहीं की। यहां तक कि उमरान भी रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए इच्छुक नहीं थे।

रसिख सलाम दर को DC ने बेस प्राइस 20 लाख रुपए में खरीदा। इससे पहले वे KKR और MI के लिए भी खेल चुके हैं।

रसिख सलाम दर को DC ने बेस प्राइस 20 लाख रुपए में खरीदा। इससे पहले वे KKR और MI के लिए भी खेल चुके हैं।

रणजी के 10 मैचों की फीस भी IPL के बेस प्राइस के बराबर नहीं
रणजी में खेलने के 10 मैचों की फीस भी IPL की बेस प्राइस के बराबर नहीं है। उदाहरण के तौर पर मुंबई की रणजी विजेता टीम का हिस्सा रहे भूपेन लालवानी को 10 फर्स्ट क्लास मैच खेलने के लिए 17 लाख 20 हजार रुपए मिले। इसके विपरीत, पिछले IPL ऑक्शन में किसी खिलाड़ी के लिए सबसे कम बेस प्राइस 20 लाख रुपए है।

रणजी के अलावा वाइट बॉल क्रिकेट के डोमेस्टिक टूर्नामेंट खिलाड़ियों के लिए IPL का रास्ता बन रहे हैं। सैयद मुश्ताक अली टी-20 और 50 ओवर की विजय हजारे ट्रॉफी हैं। फ्रेंचाइजी यहीं से प्रतिभाओं को खोजती हैं।

फर्स्ट क्लास क्रिकेट बेहतर टी-20 खिलाड़ी बनाता है – वेंगसरकर
भारत के पूर्व कप्तान और BCCI मैनेजमेंट के सदस्य दिलीप वेंगसरकर के मुताबिक, फर्स्ट क्लास क्रिकेट आपको एक बेहतर क्रिकेटर बनाता है। उन्होंने कहा, बड़ा सीजन आपको मेंटल टफनेस और स्वभाव बेहतर करने में मदद करता है, जो आपको छोटे फॉर्मेट में भी एक अच्छा क्रिकेटर बनने में मदद करता है।

IPL के टॉप 10 रन स्कोरर्स की लिस्ट में हर बल्लेबाज ने 100 से ज्यादा फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं, जबकि बॉलर्स में कम से कम आठ गेंदबाजों ने 50 से अधिक ऐसे मैच खेले हैं जो की लीग के टॉप बॉलर हैं।

शुरुआती दौर में बतौर सिलेक्टर कोहली को मौका देने वाले वेंगसरकर ​​​​​​​ने कहा, मेरा विश्वास है कि 19 साल से कम उम्र के क्रिकेटरों को टी-20 फॉर्मेट खेलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। आजकल स्कूली क्रिकेट में भी वे केवल टी-20 फॉर्मेट ही खेलते हैं।

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