31 मिनट पहले

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काली हल्दी एक दुर्लभ जड़ी बूटी है। आयुर्वेद में औषधीय गुणों से भरपूर काली हल्दी का उपयोग कई रोगों के उपचार में किया जाता है। काली हल्दी कब, कितना और किस समय खाएं, इसके बारे में बता रही हैं मेडिका हॉस्पिटल, रांची की सीनियर डाइटीशियन डॉ. विजयश्री प्रसाद।

काली हल्दी के अर्क में प्रतिरोधक गुण पाए जाते हैं। काली हल्दी के सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर बैक्टीरिया, फंगस और वायरस को बढ़ने से रोक पाता है। काली हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तनाव दूर करने में मदद करते हैं, साथ ही हानिकारक फ्री रेडिकल्स को बेअसर करते हैं।

ऑरेंज या काली हल्दी

कच्ची हल्दी के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली ऑरेंज हल्दी के मुकाबले काली हल्दी में औषधीय गुण ज्यादा होते हैं। इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए काली हल्दी का उपयोग कम मात्रा में करना चाहिए।

काली हल्दी में क्या है खास

काली हल्दी नॉर्मल ऑरेंज हल्दी से बिल्कुल अलग होती है। इसका गूदा नीला-बैंगनी रंग का होता है। काली हल्दी की खुशबू तीखी कपूर जैसी होती है। ऑरेंज हल्दी के मुकाबले काली हल्दी महंगी होती है। इसकी जड़ का उपयोग सदियों से औषधीय रूप में किया जाता रहा है। आम हल्दी की तरह काली हल्दी का उपयोग खाना पकाने में नहीं किया जाता, इसका पारंपरिक औषधीय उपयोग होता है।

आम हल्दी के मुकाबले काली हल्दी का स्वाद काफी अलग होता है और इसकी तासीर भी काफी गर्म होती है। इसलिए शुरुआत में इसका इस्तेमाल बहुत कम करें। काली हल्दी का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें।

जोड़ों के दर्द से राहत

नारंगी कलर की हल्दी की अपेक्षा काली हल्दी में औषधीय गुण अधिक होते हैं। औषधीय गुणों के कारण यह महंगी भी अधिक होती है। इसमें मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण विशेष रूप से जोड़ों के दर्द में आराम पहुंचाते हैं। जिन लोगों को जोड़ों में दर्द रहता है उन्हें डॉक्टर की सलाह पर काली हल्दी का लेप लगाना चाहिए। ऐसा करने से जोड़ों के दर्द से जल्दी छुटकारा मिलता है।

इम्यूनिटी बढ़ाए

काली हल्दी वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है। काली हल्दी में मौजूद करक्यूमिनोइड्स रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, इसके सेवन से इंफेक्शन और पुरानी बीमारियों में आराम मिलता है।

सूजन घटाए

शरीर में कहीं पर भी सूजन हो जाए तो उस स्थान पर काली हल्दी का लेप करें। इससे शरीर को गर्माहट मिलती है और सूजन कम होने लगती है।

काली हल्दी का फेस पैक

काली हल्दी और शहद मिलाकर फेस पैक बनाएं। इस फेस पैक को चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद चेहरा पानी से अच्छी तरह धो लें। इस फेस पैक से मुंहासों से छुटकारा मिलता है और स्किन का ग्लो बढ़ता है।

झुर्रियों को कहें बाय बाय

उम्र से पहले झुर्रियां आने लगी हैं तो काली हल्दी का फेस पैक लगाएं। झुर्रियां दूर करने के लिए नारियल तेल में हल्दी का पेस्ट मिलाकर चेहरे पर लगाएं। हल्दी में मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण झुर्रियों को रोकते हैं और त्वचा की रंगत बढ़ाते हैं।

कच्ची हल्दी भले ही बहुत गुणकारी है, फिर भी उसके उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। काली हल्दी की तासीर गर्म होती है इसलिए गर्मियों में इसका सेवन करने से परहेज करें।

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