20 घंटे पहले

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आयुर्वेद में घी और हल्दी का विशेष महत्व है। इन दोनों चीजों का उपयोग कई रोगों में औषधि के रूप में किया जाता है। घी और हल्दी को एक साथ भी उपयोग में लाया जाता है। इन दोनों चीजों के विशेष गुण कई बीमारियां दूर करने के काम आते हैं। मेडिका हॉस्पिटल, रांची की सीनियर डाइटीशियन डॉ. विजयश्री प्रसाद बता रही हैं घी-हल्दी के विशेष उपाय।

घी और हल्दी इतने गुणकारी हैं कि भारतीय घरों में इनका उपयोग लगभग रोज ही होता है। सदियों से घी और हल्दी का उपयोग औषधि के रूप में किया जा रहा है।

हल्दी के औषधीय गुण

हल्दी में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट करक्यूमिन इम्यूनिटी बढ़ाता है और शरीर को कई रोगों से बचाता है। हल्दी में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण दर्द और सूजन कम करने में मदद करते हैं। हल्दी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखती है, लिवर को हेल्दी रखती है और तनाव कम करने में भी सहायक है।

घी के औषधीय गुण

घी में पाया जाने वाला ब्यूटायरेट एंटीऑक्सीडेंट आंतों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। घी खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है, हड्डियां मजबूत होती हैं, एनर्जी बढ़ती है। कई लोग घी इसलिए नहीं खाते कि कहीं इससे उनका मोटापा न बढ़ जाए। लेकिन ऐसा नहीं होता। गर्म भोजन के साथ घी खाने से वह आसानी से पच जाता है। रोजाना सीमित मात्रा में घी खाना फायदेमंद होता है।

घी-हल्दी के फायदे

घी और हल्दी दोनों ही सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं। जब इन दोनों का उपयोग एक साथ किया जाता है तो उसका फायदा दोगुना हो जाता है।

घी-हल्दी बढ़ाए इम्यूनिटी

घी और हल्दी का इस्तेमाल रोजाना करने से इम्यूनिटी बढ़ती है। इससे सर्दी-खांसी और इंफेक्शन से राहत मिलती है। अगर आप पेट की समस्याओं जैसे कब्ज, गैस, एसिडिटी से परेशान रहते हैं तो आपके लिए घी और हल्दी का सेवन बहुत फायदेमंद है।

कमजोरी दूर होती है

घी और हल्दी का कॉम्बिनेशन शरीर को नई ऊर्जा देता है। एक टेबल स्पून घी में एक टी स्पून हल्दी मिलाकर रोजाना इसका सेवन करने से कमजोरी दूर होती है और शरीर में ताकत आ जाती है।

एसिडिटी में आराम

घी और हल्दी शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालते हैं और एसिडिटी में भी आराम पहुंचाते हैं। अगर आप एसिडिटी से परेशान रहते हैं तो घी और हल्दी का सेवन शुरू कर दीजिए। इससे आपको एसिडिटी से जल्द राहत मिलेगी।

कब्ज से राहत दे

कब्ज की तकलीफ है तो घी और हल्दी लेने से आपको जल्द ही राहत महसूस होगी। कब्ज होने पर इलाज के लिए घी और हल्दी का नुस्खा सदियों से हमारी दादी-नानी करती आई हैं। ये नुस्खा आज भी उतना ही कारगर है। अगर आप भी कब्ज के परेशान रहते हैं तो घी और हल्दी का घरेलू उपाय आजमाएं।

सर्दी-जुकाम से बचाए

जिन लोगों को बार बार सर्दी-जुकाम की समस्या रहती है उनके लिए घी-हल्दी का नुस्खा बहुत फायदेमंद है। घी और हल्दी खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है जिससे सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं नहीं होतीं। साथ ही मौसम बदलने पर होने वाले इंफेक्शन से भी छुटकारा मिलता है।

त्वचा की रंगत निखारे

घी और हल्दी का उपयोग त्वचा की सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसीलिए शादी में दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है। हल्दी लगाते ही दुल्हन का रूप और ज्यादा निखर जाता है। घी और हल्दी लगाने से त्वचा का निखार बढ़ता है और उम्र से पहले नजर आने वाली झुर्रियां कम होती हैं।

जोड़ों का दर्द दूर करे

जिन लोगों को जोड़ों में दर्द रहता है उनके लिए घी और हल्दी का सेवन बहुत फायदेमंद है। घी और हल्दी जोड़ों का दर्द दूर होता है। घी और हल्दी के सेवन से हड्डियां मजबूत बनती हैं, घी जॉइंट्स को ल्यूब्रिकेट करता है, हल्दी हीलिंग का काम करती है, जिससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। घी-हल्दी सीधे नहीं खा सकते तो रोटी में घी और हल्दी लगाकर भी खाया जा सकता है। घी-हल्दी को दाल में मिलाकर खाएं।

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दही-चावल खाने का सही तरीका, मिश्री या सेंधा नमक मिलाकर खाएं; गर्मियों का सुपर फूड वजन घटाए, बॉडी रखे कूल

दही-चावल अपने आप में संपूर्ण भोजन है। इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व इसे पावर फूड बनाते हैं। दही-चावल खाने के कई फायदे हैं। खासकर गर्मियों के दिनों में न इसका सेवन अधिक लाभकारी है।
दही खाने के बाद पेट भरे होने का एहसास होता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगती। इससे वजन कंट्रोल करने में आसानी होती है। रोजाना दही खाने से फिटनेस भी बनी रहती है और स्किन की चमक भी बढ़ जाती है।
गर्मियों में दही-चावल खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। दही प्रोटीन और प्रोबायोटिक का बेहतरीन स्रोत है। चावल में मौजूद कार्ब एनर्जी देता है। दोपहर में दही-चावल खाने से पेट की गर्मी शांत होती है। दही-चावल खाने का सही तरीका बता रही हैं मेडिका हॉस्पिटल, रांची की सीनियर डाइटीशियन डॉ. विजयश्री प्रसाद। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सत्तू बनाए फौलादी:गर्मियों में सत्तू पीने से एसिडिटी, गैस और अपच से राहत; त्वचा जवां बनाए, बाल चमकाए, ज्यादा न खाएं

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सत्तू चना, जौ या मटर की दाल को भूनकर पीसा गया एक ऐसा हेल्दी पाउडर है जो तेजी से प्रोटीन पाउडर का विकल्प बनता जा रहा है। सर्दियों में सत्तू पराठा पसंद किया जाता है तो गर्मियों में घोलकर पिया जाता है। कई युवा अब जिम के बाद प्रोटीन पाउडर के बदले सत्तू का घोल पीने लगे हैं।गरीबों का प्रोटीन कहा जाने वाला सत्तू अब तक बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब के लोगों के भोजन का अहम हिस्सा था। लेकिन प्रोटीन पाउडर के प्रति युवाओं के बढ़ते क्रेज ने अब देशभर में सत्तू को पॉपुलर बना दिया है। सत्तू किराने की दुकान से लेकर डिपार्टमेंटल स्टोर तक में मिलने लगा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।​​​​​​​

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