मुंबई19 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने उन 25 स्टॉक्स की लिस्ट जारी कर दी है, जिनमें कल यानी 28 मार्च से ऑप्शनल बेसिस पर T+0 सेटलमेंट सिस्टम शुरू होगा। इस लिस्ट में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, टाटा कम्युनिकेशंस, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और वेदांता सहित अन्य स्टॉक शामिल हैं।

T+0 सेटलमेंट का मतलब शेयर की खरीदारी और बिक्री का सेटलमेंट एक ही दिन में होगा। आसान भाषा में समझे तो अगर आप ट्रेडिंग-डे पर 1:30 बजे तक शेयरों को बेचेंगे तो उसी दिन शाम 4:30 बजे तक उसका पैसा अकाउंट पर आ जाएगा। अभी शेयर मार्केट में T+1 सेटलमेंट काम करता है।

T+1 सेटलमेंट में शेयर बेचने के बाद अकाउंट में पैसा अगले दिन क्रेडिट होता है। तीन महीने पहले मार्केट रेगुलेटर ने T+0 के लिए कंसल्टेशन पेपर इश्यू किए थे और 12 जनवरी तक इसपर लोगों से राय मांगी थी। 6 दिन पहले सेबी ने T+0 सेटलमेंट सिस्टम शुरू करने को लेकर 6-स्टेप गाइडलाइन जारी की थी।

सभी इन्वेस्टर्स T+0 सेटलमेंट सिस्टम के लिए एलिजिबल
मार्केट रेगुलेटर SEBI यानी सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने कहा है कि सभी इन्वेस्टर्स T+0 सेटलमेंट सिस्टम के लिए एलिजिबल होंगे।

दो फेज में लागू होगा T+0 सेटलमेंट
SEBI ने T+0 सेटलमेंट को दो फेज में लागू करने का प्रस्ताव दिया था। T+0 सेटलमेंट के पहले फेज में सेम-डे सेटलमेंट लागू किया जाएगा, जिसके बाद खरीदार को उसी दिन शेयर अलॉटमेंट और बेचने वालों को उसी दिन फंड मिल जाएगा।

इसमें अगर आप ट्रेडिंग-डे पर 1:30 बजे तक शेयरों का कारोबार करेंगे तो शाम 4:30 बजे तक उनका सेटलमेंट हो जाएगा। वहीं, दूसरे फेज में 3:30 बजे तक किए गए सभी लेनदेन के लिए एक ऑप्शनल इमीडिएट ट्रेड-बाय-ट्रेड सेटलमेंट की सुविधा दी जाएगी।

T+0 सेटलमेंट के लिए SEBI की 6 स्टेप गाइडलाइन

  • एलिजिबल इन्वेस्टर: सभी निवेशक जो मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (MII) की ओर से बताई गई टाइमलाइन, प्रोसेस और रिस्क की जरूरतों को पूरा करते हैं, वे T+0 सेटलमेंट साइकल में भाग लेने के लिए एलिजिबल हैं।
  • सर्विलांस के उपाय: T+1 सेटलमेंट साइकल में जो सर्विलांस मेजर्स अप्लाई होते हैं, वहीं मेजर्स T+0 में शेयरों पर लागू होंगे।
  • ट्रेड टाइमिंग: सुबह 09:15 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक एक कंटिन्यू ट्रेडिंग सेशन लागू होगा।
  • प्राइस बैंड: T+0 सेटलमेंट में प्राइस T+1 मार्केट की कीमत से +100 बेसिस प्वॉइंट्स के साथ ऑपरेट होंगी। प्राइस बैंड को T+1 मार्केट में प्रत्येक 50 बेसिस प्वॉइंट्स के मूवमेंट के बाद रिकैलिब्रेट किया जाएगा।
  • इंडेस्क कैलकुलेशन और सेटलमेंट प्राइस कंप्यूटेशन: T+0 सेटलमेंट में प्राइस को इंडेस्क कैलकुलेशन और सेटलमेंट प्राइस कंप्यूटेशन के तहत नहीं माना जाएगा। T+0 सेगमेंट में ट्रेडिंग के आधार पर सिक्योरिटीज के लिए अलग से कोई क्लोज प्राइस नहीं होगी।
  • ऑब्लिगेशन की नेटिंग: T+1 और T+0 सेटलमेंट साइकल के बीच पे-इन और पे-आउट ऑब्लिगेशन में कोई नेटिंग नहीं होगी।

अक्टूबर 2024 तक शुरू होगा इंस्टेंट सेटलमेंट
इससे पहले SEBI चीफ माधुरी पुरी बुच ने कहा था कि हम अगले साल मार्च (2024) तक ट्रेड सेटलमेंट के समय को कम करके 1 घंटे करने और फिर अक्टूबर 2024 तक तुरंत ट्रेड सेटलमेंट लागू करने की तैयारी कर रहे हैं।

क्या है T+1, T+2 और T+3 सेटलमेंट
सेटलमेंट सिस्टम का मतलब बायर्स के अकाउंट में शेयर्स का ट्रांसफर और सेलर अकाउंट में बेचे गए शेयरों का अमाउंट ट्रांसफर से है। भारतीय स्टॉक एक्सचेंज वर्तमान में T+1 को फॉलो करते हैं। इसका मतलब है कि ऑर्डर के एग्जीक्यूट होने के 24 घंटे में फंड और सिक्योरिटी आपके अकाउंट में आते हैं।

मान लीजिए कि आपने बुधवार को शेयर बेचे है। T+1 के अनुसार 1 बिजनेस-डे में इन शेयरों के पैसे आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएंगे। वहीं आपने शेयर खरीदे हैं तो ये शेयर 1 दिन में आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे। यहीं नियम T+2 और T+3 सेटलमेंट में भी लागू होता है।

खबरें और भी हैं…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here