कोलंबो8 घंटे पहले

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श्रीलंकन एयरलाइंस को आशंका है कि फ्लाइट में चूहा मिलने की घटना से इन्वेस्टर्स की रुचि कम हो सकती है। (प्रतीकात्मक) - Dainik Bhaskar

श्रीलंकन एयरलाइंस को आशंका है कि फ्लाइट में चूहा मिलने की घटना से इन्वेस्टर्स की रुचि कम हो सकती है। (प्रतीकात्मक)

श्रीलंका की सरकारी एयरलाइन की फ्लाइट में 22 फरवरी को अजीब घटना हुई। यह फ्लाइट पाकिस्तान के लाहौर से कोलंबो आ रही थी। इसमें एक चूहा पाया गया। किसी तरह उस वक्त उस पर काबू पाया गया। हालांकि, कोलंबो पहुंचने के बाद तीन दिन तक यह फ्लाइट दोबारा टेकऑफ नहीं कर सकी।

अब इस मामले की जांच की जा रही है। श्रीलंकाई न्यूज वेबसाइट ‘न्यूज फर्स्ट आईके’ की रिपोर्ट के मुताबिक- चूहे को एयरक्राफ्ट से निकालने के लिए स्टाफ को तीन दिन मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि, फ्लाइट के दौरान उसे लगेज वाले एक खास हिस्से में सेलो टेप के जरिए रोक लिया गया था।

एक पैसेंजर ने देखा कि सीट के ऊपर लगे लगेज बॉक्स में एक चूहा घूम रहा है। उसने फौरन क्रू को इस बारे में जानकारी दी। (प्रतीकात्मक)

एक पैसेंजर ने देखा कि सीट के ऊपर लगे लगेज बॉक्स में एक चूहा घूम रहा है। उसने फौरन क्रू को इस बारे में जानकारी दी। (प्रतीकात्मक)

आखिर माजरा क्या है

  • रिपोर्ट के मुताबिक- 22 फरवरी को श्रीलंकन एयलाइंस की एयरबस 330 ने पाकिस्तान के शहर लाहौर से टेकऑफ किया। यह श्रीलंका की राजधानी कोलंबो आ रही थी। इसी दौरान एक पैसेंजर ने देखा कि सीट के ऊपर लगे लगेज बॉक्स में एक चूहा घूम रहा है। उसने फौरन क्रू को इस बारे में जानकारी दी। क्रू ने उस लगेज बॉक्स को सेलो टेप से कवर कर दिया।
  • कुछ देर बाद फ्लाइट सुरक्षित तरीके से कोलंबो पहुंची। एयरलाइन ने सावधानी के तौर पर उस हिस्से पर एक खास कैमिकल स्प्रे किया, जहां चूहा मौजूद था। हालांकि, वो तीन दिन तक पकड़ में नहीं आया। 25 फरवरी को आखिरकार उसे पकड़ा गया।
तस्वीर 8 मार्च 2019 की है। तब वुमंस डे के मौके पर श्रीलंकन एयरलाइंस की एक फ्लाइट कोलंबो से सिंगापुर गई थी। इसके स्टाफ में सिर्फ महिलाएं थीं।

तस्वीर 8 मार्च 2019 की है। तब वुमंस डे के मौके पर श्रीलंकन एयरलाइंस की एक फ्लाइट कोलंबो से सिंगापुर गई थी। इसके स्टाफ में सिर्फ महिलाएं थीं।

शक किस बात का था

  • एयलाइन के स्टाफ को आशंका यह सता रही थी कि पता नहीं कितने दिन से यह चूहा एयरक्राफ्ट में मौजूद था और उसने कहीं एयरक्राफ्ट की इलेक्ट्रिक वायरिंग को तो नुकसान नहीं पहुंचाया। लिहाजा, प्लेन के हर हिस्से की बेहद बारीकी से जांच की गई।
  • सुकून की बात यह रही कि एयरक्राफ्ट की वायरिंग में कोई दिक्कत सामने नहीं पाई गई और इसके बाद इस एयरक्राफ्ट को दोबारा फ्लाइट की मंजूरी यानी सिक्योरिटी क्लीयरेंस मिल गया।
  • एयरलाइन के एक अफसर ने कहा- हमने तमाम टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन की है। कुछ गलत नहीं पाया गया। अब ये एयरक्राफ्ट दोबारा उड़ानें शुरू कर चुका है। चूहा मरा हुआ मिल चुका है।
  • न्यूज एजेंसी ‘एएफपी’ के मुताबिक- श्रीलंका की यह सरकारी एयरलांस करीब 1.8 अरब डॉलर के घाटे में चल रही है। इसके पास कुल 23 एयरक्राफ्ट हैं। कोविड के दौरान ज्यादातर एयरक्राफ्ट ग्राउंडेड रहे। तंगहाली का आलम ये है कि इंजिन की ओवरहॉलिंग तक नहीं की जा सकी है। एविएशन मिनिस्टर निमाल श्रीपाला डिसिल्वा ने इस घटना पर कहा- ये नहीं होना चाहिए था, क्योंकि हम पहले ही आर्थिक तौर पर मुश्किल में हैं और इस घटना से इन्वेस्टर्स का भरोसा कम होगा।

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