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  • Surya Puja In Vaishakh Month: Custom Of Providing Arghya To The Rising Solar In This Month To Attain Lengthy Life And Advantage

3 घंटे पहले

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24 अप्रैल से वैशाख महीना शुरू गया है। जो कि 23 मई तक रहेगा। इस महीने में सूर्य पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है। ग्रंथों में बताया गया है कि वैशाख महीने में रोज सूर्योदय से पहले उठकर नहाना चाहिए फिर उगते हुए सूरज को जल चढ़ाना चाहिए।

ऐसा करने से उम्र बढ़ती है और बीमारियों से छुटकारा मिलने लगता है। उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। मन शांत होता है और आलस्य खत्म होने लगता है।

वैशाख महीने में सूर्य मेष राशि यानी अपनी उच्च राशि में होता है। सूर्य की इस स्थिति में पूजा करने से बीमारियों से छुटकारा मिलता है और हर तरह की परेशानियां भी दूर होने लगती हैं।

वैशाख महीने के दौरान रोज सूर्योदय से पहले उठकर नहाने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म होते हैं। पूरे महीने ऐसा न कर सके तो इस मास के हर रविवार को सुबह जल्दी उठकर नहाएं और उगते हुए सूरज को अर्घ्य देना चाहिए।

भविष्य पुराण के मुताबिक अर्घ्य और मंत्र जाप
भविष्य पुराण में बताया गया है कि सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तांबे के लोटे में जल भरें, इसमें चावल और लाल फूल डालकर अर्घ्य अर्पित करें। जल चढ़ाते वक्त ऊं सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें।

अर्घ्य देते समय मंत्र जाप करते हुए शक्ति, बुद्धि और अच्छी सेहत की कामना करना चाहिए। इसके बाद भगवान सूर्य नारायण को धूप और दीप का दर्शन करवाएं।

वैशाख में सूर्य से जुड़ी चीजों का दान
वैशाख महीने में सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, लाल कपड़े, गेहूं, गुड़ या लाल चंदन का दान करना चाहिए। श्रद्धा के हिसाब से इनमें से किसी भी चीज का दान किया जा सकता है।

रविवार को बिना नमक का खाना खाएं। दोपहर में जल दान जरूर करें यानी किसी मटके में पानी भरकर जरूर दान करना चाहिए। इस दिन जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाने और पानी पिलाने पर स्वर्ण दान से भी ज्यादा पुण्य मिलता है।

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