38 मिनट पहलेलेखक: कमला बडोनी

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किसी के लिए मन में धारणा बना लेना बहुत आसान है। लेकिन इससे उसका कितना नुकसान हो सकता है इसके बारे में कोई नहीं सोचता। आखिर हम इतने जजमेंटल क्यों हो जाते हैं?

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पति का मानना है कि मैं घर में उनके साथ लड़ती-झगड़ती हूं और घर के बाहर दूसरों के सामने प्यार से पेश आती हूं। उनका मानना है कि मेरा व्यवहार दोगला है। मेरा ये मानना है कि घर में हम बनावटी नहीं हो सकते। लेकिन दूसरों के सामने घर की बातें नहीं करनी चाहिए। क्या मैं गलत हूं?

पति-पत्नी के बीच छोटी मोटी तकरार होना आम बात है। ऐसा हर कपल के साथ होता है। लेकिन घर की बातें बाहर ले जाना सही नहीं है।

धारणा बनाने से बचें

किसी भी रिश्ते में पहले से धारणा बनाना सही नहीं है। अगर पति को आपका व्यवहार दोगला लगता है तो आपको उनसे इस बारे में बात करनी चाहिए। पति-पत्नी के रिश्ते में प्यार, विश्वास और आपसी समझ बेहद जरूरी है। इसके बिना रिश्ते में दूरियां बढ़ सकती हैं।

हर रिश्ते के दो पहलू होते हैं। एक बॉन्डिंग जो वो आपस में शेयर करते हैं और दूसरा व्यवहार जो वो लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं। इसमें एक दूसरे के प्रति गलत धारणा बनाना सही नहीं है।

आप पति से कहें कि जब आप घर में होती हैं तो एक सच्चे दोस्त की तरह उनसे हर बात खुलकर कहती हैं। गलत बात के लिए रोकती टोकती हैं। लेकिन जब आप दोनों घर के बाहर होते हैं, तो दोनों की इमेज का ध्यान रखती हैं। आप नहीं चाहतीं कि लोग आप दोनों को आपस में लड़ते झगड़ते देखें। इससे आप दोनों की छवि खराब हो सकती है।

आपके प्यार से समझाने से पति को आपकी बात समझ में आ जाएगी। अगर आपसी बातचीत से समस्या हल न हो तो एक्सपर्ट की मदद लें।

बोलने से पहले सोचें

किसी के प्रति जजमेंटल होना बहुत आसान है। इसके लिए आपको अलग से कुछ नहीं करना पड़ता। बस किसी के बारे में जो भी मन में आए बोल देना होता है। लेकिन आपकी बातों से सामने वाले का बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।

धारणा बनाने के साइडइफेक्ट्स

किसी के भी प्रति जजमेंटल होना सही नहीं है। किसी के प्रति जजमेंटल होना अक्सर एकतरफा होता है। जब आप दोस्तों के बीच या फंक्शन में किसी के प्रति अपनी धारणा रखते हैं तो जाने अनजाने वो लोग भी उस व्यक्ति के प्रति वही धारणा बना लेते हैं।

आपने कह दिया कि ये व्यक्ति बहुत दिखावा करता है, बिजी होने का ढोंग करता है। ये महिला घर में भी मेकअप में ही रहती होगी, परिवार और बच्चों का ध्यान नहीं रखती होगी। आपके स्टेटमेंट से इतने सारे लोगों की उस व्यक्ति के प्रति सोच बदल जाती है। उस व्यक्ति को खबर तक नहीं होती कि उसका कितना नुकसान हो चुका है।

आपकी धारणा सही भी हो सकती है और गलत भी। कई बार हालात के कारण व्यक्ति का व्यवहार बदल जाता है। लेकिन हम उसकी स्थिति की समझने के बजाय उसके व्यवहार से उसे जज करते हैं। बिना सच्चाई जाने, बिना सोचे समझे उसके प्रति अपनी धारणा बना लेते हैं। ऐसा करना सही नहीं है। इससे रिश्ते में दूरियां बढ़ती हैं और आपकी वजह से सामने वाले व्यक्ति की छवि खराब हो जाती है।

धारणा न बनाने के फायदे

किसी के प्रति में मन में कोई धारणा न बनाने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि मन में किसी भी तरह की नेगेटिविटी नहीं रहती। किसी से मिलते या बात करते समय हमारे मन में पहले से कोई धारणा नहीं होती। हम सामने वाले से खुले दिल से मिलते हैं, जिससे हमारी बातचीत में भी पाजिटिविटी झलकती है।

जब हम किसी के बारे में धारणा नहीं बनाते, तो सामने वाले का व्यवहार अजीब नजर आने पर भी हम धारणा बनाने की बजाय यह सोचते हैं कि पता नहीं वह किस स्थिति में है इसलिए ऐसा बर्ताव कर रहा है।

खुद से सवाल पूछें

ये सवाल हम आप पर छोड़ रहे हैं कि किसी के प्रति मन में कोई भी धारणा बनाना सही है या गलत? इससे आपका फायदा होता है या नुकसान। आप खुद तय करें कि आपको क्या करना है।

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