15 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी

  • कॉपी लिंक

अजय देवगन और आर माधवन जैसे मंझे हुए कलाकारों से सजी फिल्म शैतान के ट्रेलर के आते ही ये उम्मीद लगाई जा रही थी कि फिल्म में दम जरूर होगा। काले जादू, वशीकरण और अंधविश्वास की अलग ही डरावनी दुनिया में ले जाने वाले ट्रेलर ने सोशल मीडिया पर खूब प्रशंसा बटोरी थी, लेकिन क्या ये फिल्म दर्शकों के उम्मीदों पर खरी उतर पाई कि नहीं ये इस रिव्यू में जानते हैं।

फिल्म की लेंथ 2 घंटे 12 मिनट है। फिल्म को दैनिक भास्कर ने 5 में से 3 स्टार रेटिंग दी है।

फिल्म की कहानी क्या है?
फिल्म शैतान में दिखाया गया है कि कबीर (अजय देवगन) अपने परिवार में पत्नी ज्योति (ज्योतिका), बेटी जानवी (जानकी बोडीवाला) और बेटे ध्रुव (अंगद राज) के साथ हंसी खुशी जिंदगी जी रहा होता है। लेकिन अचानक से उनकी जिंदगी में भूचाल आ जाता है। एक दिन वे छुट्टियां मनाने के लिए अपने फार्महाउस जाने की प्लानिंग करते हैं, रास्ते में एक ढाबे में उनकी मुलाकात वनराज (आर माधवन) से होती है। वनराज एक सरल और भरोसेमंद इंसान दिखता है और कबीर के परिवार का भरोसा जीतने में कामयाब हो जाता है।

यहीं से कबीर और उसके परिवार की मुश्किलें शुरू हो जाती हैं। वनराज जानवी को एक खास तरह का लड्डू खिलाकर अपने वश में कर लेता है। यही नहीं वो जबरदस्ती कबीर के फार्महाउस में भी घुस जाता है। अब वनराज काले जादू के दम पर जानवी से जानलेवा हरकतें कराने लगता है। क्या कबीर वनराज के मायावी चंगुल से अपनी बेटी को बचा पाता है या नहीं फिल्म की कहानी का क्लाइमैक्स इसी तरफ रुख करता है।

स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?
आर माधवन इस फिल्म के सबसे बड़े सरप्राइजिंग एलीमेंट हैं, उन्हें इस तरह के किरदार में देखना एक अलग ही अनुभव है। माधवन ने पूरी फिल्म अपने कन्धों पर उठाई है। अजय देवगन के फैन्स थोड़े निराश होंगे क्योंकि उन्हें माधवन के मुकाबले उतना दमदार रोल नहीं मिला है फिर भी उन्होंने अपने रोल के साथ न्याय किया है।

लंबे समय के बाद फिल्म में दिखाई देने वाली ज्योतिका का काम भी ठीक है। लेकिन माधवन के बाद जिसने सबसे ज्यादा असर डाला है वो अजय की बेटी का किरदार निभाने वाली जानकी बोडीवाला हैं। उनकी अदाकारी दर्शकों को हिला कर रख देगी।

डायरेक्शन कैसा है?

विकास बहल निर्देशित यह फिल्म 2023 में रिलीज हुई गुजराती साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म ‘वश’ का रीमेक है जिसे काफी सराहा गया था। विकास बहल का डायरेक्शन अच्छा है, लेकिन स्क्रीनप्ले में कमियां है जिसकी वजह से ये फिल्म वो कमाल करने में असफल हुई जितनी इससे उम्मीद की जा रही थी।

हालांकि फिल्म में एक्टर्स को बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल करने में डायरेक्टर कामयाब रहे हैं। बैकग्राउंड म्यूजिक सिहरन पैदा करता है, वहीं सुधाकर रेड्डी और एकांती की सिनेमेटोग्राफी फिल्म के थ्रिल को बरकरार रखती है।

फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं?
फिल्म की शुरुआत बहुत रोमांचक है और माधवन के प्रदर्शन से दर्शकों को हैरानी होगी। हालांकि, सेकंड हाफ कमजोर है खासकर फिल्म का क्लाइमैक्स हल्का लग सकता है और कुछ सीन बचकाने लगते हैं। फिल्म में काले जादू और वशीकरण का इंटरेस्टिंग एंगल है और जो लोग हॉरर फिल्मों के शौकीन हैं उनके लिए ये फिल्म वन टाइम वाच जरूर हो सकती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here